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इस छोटी सी चिप के जरिए घर के सभी पंखे, लाइटें रिमोट से कर सकते हैं कंट्रोल

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आज करीब हर घर में लाइट और पंखे का प्रयोग किया जाता है। घर के सभी पंखों और लाइटों को ऑन-ऑफ करने के लिए स्विच का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप चाहें तो बिना स्विच के भी आप ये काम कर सकते हैं। बस इसके लिए आपको वायरलेस रिमोट कंट्रोल किट की जरूरत होगी।

वायरलेस रिमोट कंट्रोल किट को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मार्केट से आसानी से खरीद सकते हैं। हालांकि, सभी इलेक्ट्रिक स्टोर पर ये मिल जाए, इस बात की गारंटी नहीं है। ऐसे में इसे ई-कॉमर्स वेबसाइट से करीब 999 रुपए में खरीद सकते हैं। इस एक किट की मदद से आप अपने घर की 4 लाइट और 1 फैन को कंट्रोल कर सकते हैं।

वायरलेस रिमोट कंट्रोल किट से पंखे को ऑन-ऑफ करन के साथ उसकी स्पीड को भी कंट्रोल कर सकते हैं। इस किट के साथ एक रिमोट आता है। जिसमें स्पीड को कंट्रोल के लिए रेग्युलेटर दिया होता है। जहां से स्पीड को हाई और लो कर सकते हैं। इस रिमोट की रेंज काफी अच्छी होती है और कमरे के अंदर सभी चीजों को कहीं से भी कंट्रोल कर सकते हैं।

इस किट को कोई भी आसानी से इन्स्टॉल कर सकता है। इसमें 7 वायर दिए होते हैं। जिसमें यलो कलर के चार वायर लाइट के लिए, ब्लू कलर का वायर फैन के लिए, रेड वायर फेज और ब्लैक न्यूट्रल वायर होता है। इन सभी वायर्स को स्विच बोर्ड के अंदर फिट किया जाता है। वहीं, कंट्रोलिंग यूनिट को बोर्ड के ऊपर फिट कर लेते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि IR सेंसर को बाहर रखना है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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