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अन्तर्राष्ट्रीय

जिस डीजे के गाने 11 सौ करोड़ बार सुने गए, उसकी मौत ऐसे हुई!

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आज जब हम सोशल मीडिया पर मिले एक-एक लाइक को अपने लिए बड़ी उपलब्धि मानते हैं ऐसे में एक ऐसा युवा जिसके बनाए गाने 11 सौ करोड़ बार सुने गए हों, वह अपने शो बिजनेस और शोहरत से किनारा कर ले, यह सुनकर हैरानी होती है। ऐसे ही युवा थे स्वीडन के मशहूर डीजे अवीची उर्फ टिम बर्गलिंग। शुक्रवार को स्वीडन के मशहूर डीजे अवीची का महज 28 साल की उम्र में ओमान में निधन हो गया। अवीची की मौत कैसे हुई इस बारे में उनके परिवार या प्रतिनिधियों ने कुछ नहीं बताया है।

अवीची ऐसे पहले इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक डीजे थे जिन्होंने दुनिया भर में टूर किया था। साल 2008 में उन्होंने अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्हें दो बार ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नामित भी किया गया। वह डांस म्यूजिक की दुनिया में बड़ा नाम थे। उन्होंने मडोना और कोल्डप्ले जैसे बैंड के साथ काम किया, हाल ही में उन्होंने रीटा ओरा के साथ लोनली टुगेदर जैसे लोकप्रिय गाने बनाए। अपने हुनर की बदौलत एक साल में वह लगभग सवा अरब रुपए तक कमा चुके थे। वेक मी अप, हे ब्रदर और लेवल्स उनके कुछ मशहूर गाने हैं।

उनके फैंस ने ट्विटर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी

अवीची को पैंक्रियाज (अग्नाशय) की बीमारी थी। 2014 में उनका गॉल ब्लैडर और एपेंडिक्स ऑपरेट करके निकाल दी गई थी। अपनी बीमारी के लिए अवीची अपनी शराब पीने की आदत को जिम्मेदार मानते थे। अपनी खराब सेहत और मानसिक स्थिति की वजह से अवीची ने 2016 में रिटायरमेंट ले लिया था। इस बारे में उन्होंने कहा था, मुझे अपनी सेहत के लिए यह करना था। मुझे जरूरत थी कि मैं अपनी जीवनशैली में बदलाव लाऊं। हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि वह फिर वापस आएंगे।

अवीची स्टेज पर लाखों फैंस के बीच झूमते और ऊर्जा से भरे नजर आते हैं लेकिन उनकी यह शोहरत और उसे बनाए रखने की कोशिश उनकी सेहत और मन पर भारी पड़ी। छह महीने पहले उनके जीवन पर एक डॉक्युमेंटरी बनाई गई Avicii: True Stories  इसमें देखा जा सकता है कि एक कलाकार को स्टारडम की कीमत किस तरह चुकानी पड़ती है। यह बात खुद अवीची को भी नहीं पता थी, अपनी जिंदगी की कीमत पर उन्हें पता चला कि कामयाबी भी जान ले लेती है। अवीची की मौत हमें पॉप स्टार माइकल जैक्सन की मौत की याद दिलाती है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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