Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

जगद्गुरू कृपालु परिषत् ने 6 हजार विद्यार्थियों को बांटी दैनिक उपयोग की वस्तुएं

Published

on

Loading

जगद्गुरू कृपालु परिषत् के तत्वाधान में आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को रंगीली महल, बरसाना में 6000 विद्यार्थियों को दैनिक उपयोगी वस्तुतओं का वितरण किया गया। वितरण समारोह जगद्गुरू कृपालु परिषत की अध्यक्षाओं के नेतृत्व में संपन्न हुआ।

                 शुक्रवार को रंगीली महल, बरसाना में 6000 विद्यार्थियों को दैनिक उपयोगी वस्तुतओं का वितरण किया गया

इस वितरण कार्यक्रम में जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षाओं डॉ. विशाखा त्रिपाठी ,  श्यामा त्रिपाठी  एवं डॉ. कृष्णा त्रिपाठी  ने अपने कर-कमलों से 43 विद्यालयों से आए इन छात्र-छात्राओं को भोजन रखने वाला स्टील का डिब्बा (हॉटकेस), कटोरी, तौलिया एवं मिठाई व बिस्कुट इत्यादि प्रदान किए गए। विद्यार्थियों के साथ वितरण कार्यक्रम में आए शिक्षकों को भी भोजन रखने वाला स्टील का डिब्बा (हॉटकेस), कटोरी, तौलिया एवं छाता प्रदान किए गए।
समाज के निर्धन व अभावग्रस्त वर्ग की दैनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और उनके जीवन को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिए जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षाओं द्वारा अथक प्रयास किए जाते रहे हैं। वर्ष में कई बार अनेकानेक प्रकार से विभिन्न वितरण कार्यक्रमों के माध्यम से वे उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहयोग प्रदान कर रही हैं।
कुछ ही दिन पहले 8 अप्रैल 2018 को भक्ति-धाम-मनगढ़ में भी इसी प्रकार के वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 8000 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए।

 

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending