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whatsapp यूजर्स ध्यान दें.. अगर किया ये काम तो जाना होगा जेल या 1 करोड़ जुर्माना

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप पर कोई भी न्यूज़ आती है, तो हम उस पर आंख बंद करके भरोसा कर लेते है। सोशल मीडिया पर हर कोई दिन भर एक्टिव रहता है, कुछ ना कुछ सोशल मीडिया पर वायरल होता रहता है, लेकिन कुछ मैसेज होते हैं, जिन्हें हम शेयर करते रहते हैं लेकिन वो होते फेक हैं। अगर फेक न्यूज़ के लिए आपको सजा हो जाए तो आप मैसेज भी सोच समझकर करेगें। ऐसा ही एक कानून आ गया है, जिसमे फेक न्यूज़ भेजने वाले को तीन साल की जेल या फिर 1 करोड़ रुपये जुर्माना देना होगा। यह कानून यूएई में आया है।

पुलिस ने भी चेतावनी दी है उन व्हाट्सएप यूजर्स को जो ग्रुप या फिर सिंगल चैट में फेक मेसेज शेयर करते हैं, जैसे व्हाट्सऐप्प जो कि ट्रेडमार्क और कुछ नामी वेबसाइट की नक़ल करते हैं, जैसे यूजर्स नेम, आईडी, पासवर्ड,क्रेडिट कार्ड नंबर, ऐसे कृत्यों से यूजर्स को बचना चाहिए और पुलिस के पास इनकी रिपोर्ट करनी चाहिए, जिससे अपराधी को पकड़ा जा सके।

पुलिस ने बताया, अमन सेवा से प्राप्त जानकारी के माध्यम से वे टेलीफोन धोखाधड़ी के कार्यों को ट्रैक करने में सक्षम होते हैं, जहां धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति पीड़ितों के व्हाट्सऐप्प खातों को चोरी करने में सक्षम होते हैं, फिर वे एसएमएस के माध्यम से कोड का पता लगाते हैं और अन्य संदिग्धों के साथ लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं और उन्हें कहते हैं की वह पुरस्कार जीत गए हैं।

पुलिस ने व्हाट्सऐप्प यूजर्स को चेतावनी दी, की व्हाट्सऐप्प पर किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, जब तक की आप भेजने वाले के मेसेज से उसकी पहचान ना कर सकें।

उन्होंने कहा की,  इस प्रकार की धोखाधड़ी अमीरात में अत्यधिक की जा रही है, लेकिन प्रशासन साइबर अपराध करने के लिए सभी अवैध तरीके की निगरानी कर रहे हैं। जिसमें विशिष्ट कंपनियों और संस्थानों के नकली नौकरियों के विज्ञापन शामिल हैं, जो पैसे चोरी करने के लिए हैं।

इस तरह के कृत्यों को करने से एक से तीन साल के जेल की सजा अपराधी को हो सकती है और 250,000  से 1 मिलियन का जुर्माना पड़ सकता है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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