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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन का वो राजा जो नीले रंग की पेशाब करता था

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ब्रिटेन के सम्राट जॉर्ज विलियम फ्रेडरिक तृतीय या जॉर्ज तृतीय ने ब्रिटिश साम्राज्य पर 60 बरसों तक राज्य किया। इस दौरान ब्रिटेन ने फ्रांस को हराया, उत्तरी अमेरिका और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का परचम लहराया। हालांकि, इसी के समय अमेरिकी क्रांति हुई और अमेरिका आजाद भी हुआ। इसके बावजूद जॉर्ज तृतीय को एक ऐसे पागल राजा के रूप में याद किया जाता है जो नीले रंग की पेशाब करता था, पागलपन के दौरे में घंटों खुद से ही बातें करता रहता था और खुद को ही लंबे-लंबे खत लिखा करता था। जाहिर है जॉर्ज तृतीय को मानसिक रोग ने आ घेरा था फिर भी उनका नीले रंग की पेशाब करना आज तक रहस्य बना हुआ है।

जॉर्ज तृतीय 12 बरस की उम्र में 1760 में सिंहासन पर बैठे थे उनका शासन 1820 तक चला। लेकिन अपने जीवन के आखिरी दशक में वह पागलपन के शिकार हुए और इस समय उनके बेटे ने उनके प्रतिनिधि के रूप में राज्य किया। लंबे समय तक ऐसा माना जाता रहा कि जॉर्ज तृतीय को पोरफाइरिया नाम की खून की एक आनुवंशिक बीमारी थी। इसमें शरीर में पोरफाइरिन नाम का तत्व ज्यादा बनने लगता है और इसी की वजह से पेशाब का रंग बैंगनी और किसी-किसी मामले में नीला हो जाता है। पोरफाइरिया ही जॉर्ज तृतीय के पागलपन के लिए जिम्मेदार माना जाता है क्योंकि इससे नवर्स सिस्टम पर असर पड़ता है।

                 जॉर्ज तृतीय 12 बरस की उम्र में 1760 में सिंहासन पर बैठे थे उनका शासन 1820 तक चला।

इस बीमारी में जॉर्ज तृतीय लंबे-लंबे वाक्य बोलते और लिखते थे। उनके एक वाक्य में 400 तक शब्द होते थे। उनकी भाषा और शब्द इतने उलझे हुए और लच्छेदार होते थे कि उनको समझ पाना आज भी मुमकिन नहीं। जानकारों का कहना है कि यह आज के बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों जैसे हैं। सम्राट के चिकित्सकों ने ब्यौरा लिखा है कि वह तब तक बोलते रहते थे जब तक उनके मुंह से झाग न निकलने लगें। कभी-कभी उनके दौरे इतने हिंसक हो जाते थे कि उनके सेवकों को उनके ऊपर बैठना पड़ता था ताकि वह अपने आपको नुकसान ना पहुंचा लें।

कुछ लोगों का कहना है कि जॉर्ज तृतीय को दवा के रूप में आर्सेनिक दिया जाता था जिससे उनकी बीमारी और भड़क गई और बाद में उनकी मौत हो गई। वहीं कुछ आधुनिक शोधकर्ताओं का मानना है कि सम्राट के मेडिकल रिकॉर्ड देखकर पता चलता है कि उन्हें जैशन नाम के पौधे से बनी दवा दी जाती थी। इस पौधे पर नीले रंग के फूल आते हैं। हो सकता है इसी दवा की वजह से जॉर्ज तृतीय की पेशाब का रंग नीला हो गया हो।

वजह चाहे जो हो लेकिन उनका पागलपन और नीले रंग की पेशाब इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई।

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अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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