Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

नोटबंदी पर पूर्व गर्वनर रघुराम राजन का यह बयान आपको चौंका देगा

Published

on

Loading

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने एक जानकारी शेयर की, जिसे सुन आप निश्चित रूप से चौंक जाएंगे। नोटबंदी पर उनका यह बयान आपको सोचने पर मजबूर कर देगा आखिर इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू ही क्यों किया।

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने बताया कि जब उनसे इस बारे में कहा गया तो विचार-विमर्श के बाद उन्होंने सरकार को चेताया था कि इस का लाभ संभव नही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी सोच-समझ कर बनाई गई योजना नहीं थी और यह उपयोगी भी साबित नहीं हुई है।

राजन ने कैम्ब्रिज के हावर्ड केनेडी स्कूल में बुधवार को कहा, “मैं समझता हूं कि नोटबंदी की योजना सही तरीके से नहीं बनाई गई थी और ना ही इसका कोई लाभ हुआ है। जब यह विचार मेरे सामने रखा गया था तो मैंने अपनी यह राय सरकार को दे दी थी। मुझे ऐसा लगता है कि लोग अपना रास्ता ढूंढ ही लेंगे।”

भारत सरकार ने वर्ष 2016 के 8 नवंबर को काले धन पर काबू पाने के लिए 500 और 1000 रुपए की नोटबंदी की थी।

राजन ने कहा, “नोटबंदी के समय जो नोट बंद किए गए वो प्रचलन की 87.5 फीसदी मुद्रा थी। कोई भी अर्थशास्त्री यह कहेगा कि जब आप 87.5 फीसदी नोट को बंद कर रहे हैं, तो पहले आप सुनिश्चित कर लें कि 87.5 फीसदी या उसके आसपास की संख्या के नए नोट छाप लें। लेकिन भारत में ऐसे किए बिना नोटबंदी कर दी गई।”

उन्होंने कहा, “इसका अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ा। विचार ये था कि काला धन निकल कर बाहर आएगा, लोग सरकार के पास अपना धन जमा करेंगे और गलती की माफी मांगेगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोई भी आदमी जिसे भारत के बारे में पता है, वह जानता है कि लोग बहुत जल्द सिस्टम से बचने के तरीके ढूंढ़ लेते हैं।”

पूर्व गर्वनर ने कहा, “हो सकता है कि इसका कोई दीर्घकालिक फायदा हो। लोग ऐसा सोचें की सरकार आगे भी नोट बंद कर सकती है, इसलिए कर चोरी ना करें। लेकिन ऐसा हुआ है, इसका कोई मजबूत साक्ष्य सामने नहीं आया है।”

उन्होंने कहा, “वहीं, इसका नकारात्मक असर यह हुआ कि लोगों के पास भुगतान के लिए धन नहीं था। आर्थिक गतिविधियां रुक गई, खासतौर से असंगठित क्षेत्र में। कई लोगों की नौकरियां चली गई और उसकी कोई गिनती भी नहीं हो पाई, क्योंकि वे असंगठित क्षेत्र में थे।”

वित्त मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में कुल 6.84 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए, जबकि पिछले वर्ष में रिटर्न दाखिल करनेवालों की संख्या 5.43 करोड़ थी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण 10,02,607 करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष से 18 फीसदी अधिक है।

जेटली ने कहा, “आंकड़ों में कर विभाग की दक्षता और ईमानदार करदाताओं की संख्या में वृद्धि का पता चलता है। यह ऐतिहासिक राजस्व प्राप्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत जवाबदेह शासन की पुष्टि करती है।”

इनपुट आईएएनएस

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

Published

on

Loading

बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

Continue Reading

Trending