नेशनल
आईआरएनएसएस-1आई का इसरो ने किया सफल प्रक्षेपण, जानिए इसकी खूबियां
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने गुरुवार तड़के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1आई को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया।
PSLV-C41 Successfully Launches IRNSS-1I Navigation Satellitehttps://t.co/5bCIWYalON
— ISRO (@isro) April 12, 2018
इस प्रक्षेपण के सफल होने के बाद इसरो के अध्यक्ष के.सिवन ने कहा, मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि पीएसएलवी ने नौवहन उपग्रह को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया है। सिवन ने कहा कि अगले आठ वर्षो में इसरो ने मून मिशन सहित नौ मिशनों की योजना बनाई है।
- इस 1,425 किलोग्राम वजनी उपग्रह को पीएसएलवी-सी41 रॉकेट अंतरिक्ष में लेकर गया।
- यह स्वदेशी तकनीक से तैयार नौवहन उपग्रह है।
- यह प्रक्षेपण गुरुवार तड़के 4.04 बजे हुआ।
- इस नौवहन उपग्रह की लंबाई 44.4 मीटर और वजन 321 टन है।
- इस उपग्रह को प्रक्षेपण के 19 मिनट के भीतर ही कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इसे 1,420 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। आईआरएनएसएस-1आई से नौवहन के क्षेत्र में खासी मदद मिलेगी। इससे समुद्री नौवहन के साथ सेना को भी मदद मिलेगी। यह उपग्रह इसरो की नाविक प्रणाली का हिस्सा होगा।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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