प्रादेशिक
ये दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर नहीं निकाल सकता बारात, कोर्ट ने मना किया
इलाहाबाद। यहां की उच्च न्यायालय ने कासगंज के निजामपुर गांव में दलित युवक को घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालने की मांग नहीं मानी। न्यायालय का कहना है कि वह ऐसा आदेश नहीं दे सकती। न्यायालय ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि याची को किसी प्रकार की परेशानी है तो वह मुकदमा दर्ज करा सकता है अथवा ऐसा न होने पर मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दायर कर कार्रवाई की मांग कर सकता है।
न्यायालय ने कहा कि वह याचिका में इस प्रकार की अनुमति याची को नहीं दे सकता। न्यायमूर्ति रणविजय सिंह और न्यायमूर्ति शशिकांत की डिवीजन बेंच ने दूल्हे संजय कुमार की अर्जी को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। 20 अप्रैल को कासगंज के निजामपुर गांव की शीतल से दलित संजय की शादी होने की डेट तय है।
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जिला प्रशासन ने दूल्हे की मांग के खिलाफ न्यायालय को जानकारी उपलब्ध कराई थी कि ऐसा करने से वहां का स्थानीय माहौल बिगड़ सकता है। स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट पर न्यायालय ने याची को राहत नहीं दी। न्यायालय ने कहा कि याचिका पर अलग से कोई आदेश जारी करने का औचित्य नहीं है। अगर दूल्हे या लड़की पक्ष के लोगों से कोई जोर-जबरदस्ती करे तो वह पुलिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि कासगंज के निजामपुर गांव में आज तक दलित दूल्हे घोड़ी चढ़ कर बारात नहीं निकली है। दूल्हा संजय कुमार अपनी बारात निकालना चाहता था। इस कारण उसने न्यायालय की शरण ली थी। उसका कहना था कि स्थानीय सवर्ण उसके इस काम का विरोध कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन ने भी बारात निकालने की अनुमति से पहले ही मना किया है। कानून-व्यवस्था का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन ने घोड़ी चढ़ बारात निकालने से इंकार किया था जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी।
उत्तर प्रदेश
हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार
हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।
इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।
शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।
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