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एससी-एसटी एक्ट विवाद : माया ने बीजेपी पर साधा निशाना, ममता ने की शांति अपील

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लखनऊ। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री एवं सुप्रीमो मायावती ने सोमवार 2 अप्रैल को कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों से जो अधिकार पिछड़े और दलित वर्ग को मिले हैं, बीजेपी उन्हें छीनना चाहती है। मायावती ने हालांकि प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को नाजायज ठहराया है। बसपा प्रमुख ने भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “बसपा आंदोलन का समर्थन करती है, लेकिन इस दौरान हुई हिंसा को जायज नहीं ठहराती।”

उन्होंने कहा कि कुछ जातिवादी लोग दलित और पिछड़े लोगों की आड़ में इस आंदोलन को हिंसक बना रहे हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

उन्होंने पीएम मोदी पर पिछड़ा और दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क का ही परिणाम है कि आज लोग सड़क पर उतरे हैं। सरकार की इन नीतियों के चलते दलितों और आदिवासियों में गुस्सा है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा, “आरक्षण खत्म करने के लिए भाजपा सरकार सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटाइजेशन करती जा रही है, इसीलिए हम प्राइवेट संस्थानों में भी दलित और पिछड़ों को आरक्षण की लगातार मांग कर रहे हैं।”

ज्ञात हो कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे देश में दलित संगठनों द्वारा सोमवार को भारत बंद का आयोजन किया गया। इसका व्यापक असर पूरे देश में देखने को मिला है।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद देश भर में दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदायों का समर्थन करते हुए उनसे शांति की अपील की। ममता ने ट्वीट करते हुए कहा, “हम आशंकित और दुखी हैं कि मेरे कुछ दलित भाई और बहन मारे गए हैं और घायल हुए हैं। इस मुद्दे पर हम उनके साथ हैं। मैं शांति की अपील करती हूं।

पंजाब, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी, उत्तराखंड, बिहार और ओडिशा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ है। हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद सामान्य जनजीवन रुक सा गया है।

एमपी में हालात बहुत ही खराब हैं जहां तीन लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इस कारण प्रशासन को कई स्थानों पर कर्फ्यू लगाना पड़ा है। केंद्र सरकार ने आक्रोशित दलितों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिसमें न्यायालय से 20 मार्च के आदेश की समीक्षा करने के लिए आग्रह किया गया है।

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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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