Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

ओडिशा में धूमधाम से मनाया गया ‘उत्कल दिवस’

Published

on

Loading

भुवनेश्वर, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| ओडिशा में रविवार को राज्यवासियों ने 1936 में हुए राज्य के गठन की याद में उत्कल दिवस मनाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर राज्य के लोगों को बधाई देते हुए लिखा, राज्य और देश के विकास में योगदान देने वाले नेताओं पर संपूर्ण देश को गर्व है।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस मौके पर शुभकामनाएं दीं और पृथक राज्य के गठन के लिए अपनी जान देने वालों को श्रद्धांजलि दी। एक अप्रैल 1936 को संयुक्त बंगाल-बिहार-ओडिशा प्रांत से अलग कर पृथक राज्य ओडिशा का गठन हुआ था।

रेत पर कलाकृति बनाने वाले विश्व प्रसिद्ध कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर इस उपलक्ष्य में एक विशेष कलाकृति बनाई।

Continue Reading

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending