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बिजनेस

मोजेक इंडिया फाउंडेशन ने कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया

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नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)| हरियाणा के गुरुग्राम में कृषि में उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष शोध के लिए मोजेक इंडिया फाउंडेशन द्वारा इस वर्ष का पुरस्कार डॉ. अबीर डे, डॉ. प्रताप भट्टाचार्य, डॉ. वी. के. सिंह को प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार यहां सहगल फाउंडेशन ऑडिटोरियम में मोजेक इंडिया और सहगल फाउंडेशन द्वारा संचालित कृषि ज्योति परियोजना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किए गए।

संस्था ने एक बयान में कहा कि पहले यह पुरस्कार एक शोधार्थी को उसके विशेष शोध के लिए दिया जाता था लेकिन इस बार तीन पुरस्कार तीन कृषि शोधार्थियों को उनके विशेष शोध और कृषि में विशेष योगदान के लिए दिए गए हैं।

बयान में कहा गया कि हरियाणा के नूंह और राजस्थान के अलवर जिले के 60 से अधिक गांवों में मोजेक इंडिया और सहगल फाउंडेशन की पायलट परियोजना के तहत कृषि ज्योति परियोजना चल रही है जिससे अब तक करीब 46,000 हजार किसानों को लाभ हुआ है और सरकारी स्कूलों के करीब 5000 स्कूली बच्चों को स्कूलों का नवीनीकरण होने से लाभ पहुंचा है।

संस्था ने बताया कि इससे गांवों और सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। इस अवसर पर मोजेक इंडिया के उपाध्यक्ष कैविन किम ने कृषि ज्योति परियोजना के अगले 10 वर्ष तक जारी रखने की तथा इसका विस्तार करने की घोषणा की ताकि अधिक से अधिक गांवों के किसानों एवं स्कूलों को इसका लाभ मिल सके।

सहगल फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. सूरी सहगल ने इस मौके पर कहा, हम सब साथ मिलकर गांवों का विकास कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य है कि हमारे गांव सशक्त हों, विकास करें और आत्मनिर्भर बनें। गांवों में साफ सफाई हो, बच्चे स्कूल जाएं और हमारे गावों का नाम रोशन हो। तो, आइये मिलकर ग्रामीण भारत को सशक्त बनाते हैं।

कृषि ज्योति परियोजना के तहत ही अलवर के रामगढ़ ब्लाक के गाव मिलकपुर में सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल समेत कई स्कूलों का नवीनीकरण किया गया है। स्कूल नवीनीकरण परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने पर बुधवार को अलवर में भी एक बड़े सामुदायिक समारोह का आयोजन किया गया।

फाउंडेशन ने बताया कि इसी के साथ कृषि ज्योति परियोजना में ग्रामीण समुदायों को खेती के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने और लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा व रोजगार के अवसरों में सुधार करने के लिए गांव डांवरी में चेक डैम का निर्माण किया गया है। परियोजना के तहत बना चेक डैम लगातार लोगों को फायदा देते रहे, इसके लिए ग्राम विकास समिति व जल प्रबंधन समिति का गठन किया गया है तथा उनकी क्षमता वृद्धि की गई है।

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बिजनेस

रिलायंस जियो ने बनाया कीर्तिमान, डेटा खपत में चीन को पीछे छोड़ बना दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर

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नई दिल्ली। भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में अपनी धाक जमाने के बाद रिलायंस जियो ने डेटा खपत के मामले में एक नया वैश्विक रिकॉर्ड कायम किया है। रिलायंस जियो, डेटा ट्रैफिक में वर्ल्ड की नंबर वन कंपनी बन गई है। पिछली तिमाही में कुल डेटा ट्रैफिक 40.9 एक्साबाइट दर्ज किया गया। वहीं दुनिया में डेटा ट्रैफिक में अब तक नंबर वन कंपनी रही चाइना मोबाइल लुढ़क कर नंबर दो पोजिशन पर पहुंच गई। उसके नेटवर्क पर डेटा खपत तिमाही में 40 एक्साबाइट से भी कम रही। चीन की एक और कंपनी चाइना टेलीकॉम डेटा खपत के मामले में तीसरे नंबर पर, तो भारत की एयरटेल चौथे नंबर पर रही। दुनिया भर की टेलीकॉम कंपनियों के डेटा ट्रैफिक, ग्राहक आधार पर नजर रखने वाली टीएफिशियंट ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

5जी सेवाओं के शुरु होने के बाद, रिलायंस जियो के डेटा खपत में पिछले वर्ष के मुकाबले 35.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला। इस उछाल की मुख्य वजह है जियो का ट्रू 5जी नेटवर्क और जियो एयर फाइबर का विस्तार। जियो नेटवर्क रिलायंस जियो के तिमाही नतीजों के मुताबिक जियो ट्रू 5जी नेटवर्क पर 10 करोड़ 80 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं और जियो के कुल डेटा ट्रैफिक का करीब 28 फीसदी हिस्सा अब 5जी नेटवर्क से आ रहा है। दूसरी तरफ जियो एयर फाइबर ने भी देश भर के 5,900 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।

हालिया जारी तिमाही नतीजों में कंपनी ने जो आंकड़े मुहैया कराए हैं उनके मुताबिक जियो नेटवर्क पर प्रति ग्राहक मासिक डेटा खपत बढ़कर 28.7 जीबी हो गई है, जो तीन साल पहले केवल 13.3 जीबी थी। बताते चलें 2018 में भारत में एक तिमाही का कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक मात्र 4.5 एक्साबाइट था।

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