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आध्यात्म

पश्चिम बंगाल : तृणमूल व भाजपा ने जोरदार तरीके से मनाई रामनवमी

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कोलकाता, 25 मार्च (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) व मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस साल रामनवमी की तैयारियों को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी।

यही कारण है कि रामनवमी का पर्व रविवार को राज्य में बड़े स्तर पर मनाया गया। तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने रामनवमी के पर्व को लोगों के बीच सौहार्द का प्रतीक बताया, जबकि भाजपा व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने पर्व में सत्तारूढ़ पार्टी की भागीदारी को हिंदुओं व हिंदुत्व एजेंडे की जीत बताया है।

भाजपा ने दावा किया कि बंगाल में रामनवमी सामाजिक त्योहार बन गया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि त्योहार को बड़े पैमाने पर मनाया जाना उनके हिंदुत्व एजेंडे की जीत है।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस द्वारा रामनवमी पर निकाली जाने वाली रैलियों का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को आखिरकार अपना शीश झुकाना पड़ा और बंगाल में हिंदू आबादी के महत्व को स्वीकार करना पड़ा।

सिन्हा ने हुगली जिले के चिनसुरह में एक रैली में भाग लिया। उन्होंने आईएएनएस से कहा, यह भाजपा व इसके हिंदुत्व एजेंडे के लिए एक बड़ी जीत है। यह महत्वपूर्ण है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने राज्य में हिंदू आबादी के सामने अपना सिर झुका दिया। हम इसका स्वागत करते हैं। यह भगवान राम व रामनवमी की विजय है।

सिन्हा ने कहा कि हालांकि भाजपा किसी रैली का आयोजन नहीं कर रही है। इसके राज्य के सभी वरिष्ठ नेता विश्व हिंदू परिषद व हिंदू जागरण मंच के जुलूस में भाग ले रहे हैं।

संघ से सबद्ध संगठनों द्वारा कोलकाता में छह प्रमुख रामनवमी रैलियां निकाली जा रही हैं। उत्तरी कोलकाता के सोवा बाजार से निकलने वाली रैली के सबसे बड़ी होने की उम्मीद जताई जा रही है।

राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पश्चिमी मिदनापुर के खड़गपुर में एक रैली में तलवार लहराते देखे गए। उन्होंने कहा कि हथियारों के साथ रैलियां इलाके में शाम को निकाली जाएंगी और दावा किया कि इन रैलियों में बहुत सारे लोगों का भाग लेने देश के ‘रामराज्य’ की तरफ बढ़ने को दिखाता है।

घोष ने कहा, खड़गपुर में सशस्त्र रैली निकाली जाएगी। मैं भी अपने साथ हथियार रखूंगा। यहां हथियारबंद रैली निकालने की पुरानी परंपरा रही है। यह जारी रहेगी। ऐसा लगता है कि हम ‘रामराज्य’ की तरफ बढ़ रहे है। जो ऐसा नहीं चाहते थे, वह भी अब ऐसा चाहते हैं। मुझे भरोसा है कि अयोध्या में राम मंदिर भी बनेगा।

बीते साल तृणमूल कांग्रेस से भाजापा में शामिल हुए नेता मुकुल रॉय को भी उत्तर 24 परगना जिले के न्यूटाउन इलाके में रैली की अगुवाई करते देखा गया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लोगों को रामनवमी की बधाई दी।

राज्य के बॉयोटेक्नॉलाजी व सांख्यिकी मंत्री आशीष बनर्जी ने रामपुरहट के बीरभूम जिले में एक रंगारंग जुलूस निकाला, जिसमें नृत्य करने वालों ने राम व सीता का वेश धारण किया था।

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आध्यात्म

आज होगी मां दुर्गा के अष्टम रूवरूप महागौरी की पूजा-अर्चना, इन बातों का रखें ख्याल, मिलेगी विशेष कृपा

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नवरात्र पर्व के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। महागौरी गौर वर्ण की है और इनके आभूषण और वस्त्र स्वेत रंग के हैं। इनकी उम्र आठ साल की मानी गई है। इनकी चार भुजाएं है और वृषभ पर सवार होने के कारण इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है। सफेद वस्त्र धारण करने के कारण इन्हें स्वेतांबरा भी कहा गया है।

मां महागौरी देवी पार्वती का एक रूप हैं। पार्वती ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करने के बाद उन्हें पति के रूप में पाया था। कथा है कि एक बार देवी पार्वती भगवान शिव से रूष्ट हो गईं। इसके बाद वह तपस्या पर बैठ गईं। जब भगवान शिव उन्हें खोजते हुए पहुंचे तो वह चकित रह गए। पार्वती का रंग, वस्त्र और आभूषण देखकर उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं। महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत तथा मृदुल स्वभाव की हैं। मां गौरी की आराधना सर्व मंगल मंग्लये, शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयंबके गौरि नारायणि नमोस्तुते..। इसी मंत्र से की जाती है। कहा जाता है कि एक बार भूखा शेर उन्हें निवाला बनाने के लिए व्याकुल हो गया पर उनके तेज के कारण वह असहाय हो गया। इसके बाद देवी पार्वती ने उसे अपनी सवारी बना लिया था। मां के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना करने से धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अष्टमी के दिन करें कन्या पूजन

नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता है और मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।

महागौरी की पूजा का महत्व

आदि शक्ति देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा करने से सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। महागौरी की आराधना से दांपत्य जीवन, व्यापार, धन और सुख समृद्धि बढ़ती है। जो भी देवी भक्त महागौरी की सच्चे मन से आराधना व पूजन अर्चन करता है उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। पूजा के दौरान देवी को अर्पित किया गया नारियल ब्राम्हण को देना चाहिए।

कन्या पूजन विधि

नवरात्रि की अष्टमी के दिन कन्याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण दें।

इसके बाद कन्याओं का पूरे परिवार के साथ चावल और फूल के साथ स्वागत करें।

नवदुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं। फिर कन्याओं को आरामदायक और साफ जगह पर बैठा दें।

सभी कन्याओं के पैर धोकर अच्छे से साफ करें। फिर सभी का कुमकुम का टिका लगाएं।

इन सभी कन्याओं को मां भगवती का स्वरुप समझकर उन्हें भोजन कराएं।

अंत में उन्हें दक्षिणा और कुछ उपहार देकर ही घर से विदा करें।

कन्या पूजन में इन बातों का रखें खास ख्याल

ध्यान रखें की कन्या पूजन में 9 कन्याओं के साथ 1 बालक को जरूर बैठाएं। बालक को भैरव का रूप माना जाता है।

कन्याओं के तुरंत बाद लाकर उनके हाथ पैर जरुर धुलवाए और उनका आशीर्वाद लें।

कुमकुम का तिलक लगाने के बाद सभी कन्याओं को कलावा भी जरुर बांधे।

 

 

 

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