नेशनल
सात साल बाद फिर सत्याग्रह की राह पर अन्ना, सियासी लोगों के लिए लगाईं कड़ी शर्तें
नई दिल्ली। रामलीला मैदान में प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे सात साल बाद एक बार फिर सत्याग्रह करने जा रहे हैं। अन्ना ने सरकार के सामने लोकपाल और किसानों के मुद्दे पर अलग-अलग मांगें रखी हैं। खास बात यह है कि अन्ना के मंच पर किसी भी राजनीतिक पार्टी को जगह नहीं दी जाएगी।
शुक्रवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने से पहले अन्ना हजारे सुबह पहले राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर गए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के दौरान अन्ना के साथ उनके कई समर्थक भी मौजूद थे। यहां से वह सीधे रामलीला मैदान के लिए रवाना हो गए।
हालांकि अन्ना का वर्तमान सत्याग्रह वर्ष 2011 के आंदोलन से कुछ अलग होगा। अन्ना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी सियासी दल और चेहरे को मंच पर जगह नहीं मिलेगी। अगर कोई सियासी दल या व्यक्ति सत्याग्रह में शामिल होना भी चाहता है तो उसे मंच से नीचे जनता के बीच में बैठना होगा।
उधर, सभा में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। रामलीला मैदान के चारों तरफ व अंदर भी चप्पे-चप्पे पर पैरा मिलिट्री व दिल्ली पुलिस तैनात है। किसी भी तरह की आशंकाओं से निबटने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूरी तैयारी की है।
सत्याग्रह में शामिल होने वाले लोगों के लिए अन्ना ने एक कड़ी शर्त भी रखी है। अन्ना का कहना है कि ‘जो भी इंसान सत्याग्रह में भाग लेना चाहता है तो उसे एक शपथ पत्र देना होगा। वह शपथ पत्र में लिखकर देगा कि वह भविष्य में किसी भी सियासी दल में नहीं जाएगा और अपनी पार्टी नहीं बनाएगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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