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नेशनल

टीडीपी और केंद्र में सिर फुटव्वल तेज, आंध्र में दो बीजेपी मंत्रियों ने कहा गुडबाय

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हैदराबाद। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक तरफ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सांसदों ने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान किया है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के दो मंत्रियों ने आंध्र प्रदेश की नायडू सरकार से इस्तीफा दे दिया।

गुरुवार सुबह बीजेपी के दो मंत्रियों कमिनेनी श्रीनिवास और पी.मणिक्याला राव ने अमरावती में शुरू हुई मंत्रिमंडल की बैठक से दूरी बना ली। इस बैठक में बजट को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जानी थी। बैठक की बजाय दोनों मंत्री सीएम दफ्तर पहुंचे और मंत्रीपद से अपना इस्तीफा सौंप दिया।

श्रीनिवास ने कहा कि वह और राव अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नायडू को सौंपेंगे और विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद इसका ऐलान करेंगे।

यह ताजा घटनाक्रम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के केंद्र सरकार के इनकार के विरोध में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) द्वारा बुधवार रात को नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद सामने आया है। मुख्यमंत्री नायडू ने यह कदम उठाते हुए कहा था कि केंद्र ने राज्य के साथ अन्याय किया है।

इस दौरान चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि केंद्र में तेदेपा के दो मंत्री पी.अशोक गजपति राजू (नागरिक उड्डयन मंत्री) और वाई.एस.चौधरी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री) गुरुवार सुबह अपना इस्तीफा देंगे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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