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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी, डीए में हुई बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ता (डीए) दो प्रतिशत बढ़ा दिया है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगी।

यह बढ़ोत्तरी एक जनवरी 2018 से लागू होगी। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी या पेंशन का पांच प्रतिशत दिया जाता है। इस बढ़ोत्तरी के बाद महंगाई भत्ता पांच फीसदी से बढक़र सात फीसदी हो जाएगा। महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत की वृद्धि से 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा।

माना जा रहा है कि डीए में बढ़ोत्तरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर की गई है। इसके साथ ही कैबिनेट ने पर्यावरण के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर की मंजूरी दे दी है।

बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 28 जून 2016 को ही मंजूरी दे दी थी। सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी थी। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को मंजूरी दे दी थी।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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