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बिजनेस

आम बजट : मूडीज का मिला-जुला रुझान

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चेन्नई | वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को कहा है कि देश का वित्त वर्ष 2015-16 का बजट कंपनियों की साख (क्रेडिट) के लिए सकारात्मक है, जबकि बैंकों के लिए यह बजट मिला-जुला रहा है। मूडीज के मुताबिक, हालांकि, सेवा कर में वृद्धि साख के लिहाज से नकारात्मक है। क्योंकि इससे भारतीय कंपनियों की उत्पादन लागत में वृद्धि होगी।

मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी विकास हलान ने अपने बयान में कहा, “करों को घटाने और युक्तिसंगत बनाने के लिए उठाए गए कदमों से आर्थिक विकास दर को बढ़ावा मिलेगा और कारोबार करने में आसानी से देश में गैर-वित्तीय कंपनियों के ऋण प्रोफाइल को मदद मिलेगी। लेकिन ईंधन सब्सिडी आवंटन में कटौती तेल और गैस कंपनियों की साख के लिए नकारात्मक है।” बजट में अगले चार वर्षो की अवधि में गैर वित्तीय कंपनियों के लिए कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटा कर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही उत्पाद शुल्क दर बढ़ाना और एक अप्रैल 2016 से उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से कर संरचना को युक्तिसंगत बनाना भी प्रस्तावित है।

दूसरी तरफ, सेवा कर में प्रस्तावित वृद्धि कंपनियों की साख के लिहाज से नकारात्मक है। क्योंकि इससे भारतीय कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ेगी। बजट में बुनियादी ढांचा (बिजली, राजमार्ग और रेलवे सहित) क्षेत्र के लिए सुझावों से सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। मूडीज के मुताबिक, बजट में राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचागत कोष की स्थापना करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इससे बुनियादी ढांचागत वित्त परियोजनाओं में ऋण और निवेश बढ़ेगा, जिससे बुयिनादी ढांचागत क्षेत्र की कंपनियों को पूंजी जुटाने में मदद मिल सकेगी।

मूडीज के मुताबिक, बैंकों के लिए बजट में शामिल सुझावों का रुख मिला-जुला है। उदाहरण के लिए, बैंकों के लिए 2015 की तुलना में 2016 में पूंजी आवंटन कम है। बजट में नए दिवालियापन कानून को पेश करने का भी प्रस्ताव रखा गया है, जो कि क्रेडिट के लिहाज से सकारात्मक होगा। दिवालियापन कानून की मौजूदा कमजोर संरचना बैंकों की साख निर्माण में बड़ी बाधा है। हालांकि अभी इस नए कानून के बारे में कम ही जानकारी उपलब्ध है।

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रिलायंस जियो ने बनाया कीर्तिमान, डेटा खपत में चीन को पीछे छोड़ बना दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर

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नई दिल्ली। भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में अपनी धाक जमाने के बाद रिलायंस जियो ने डेटा खपत के मामले में एक नया वैश्विक रिकॉर्ड कायम किया है। रिलायंस जियो, डेटा ट्रैफिक में वर्ल्ड की नंबर वन कंपनी बन गई है। पिछली तिमाही में कुल डेटा ट्रैफिक 40.9 एक्साबाइट दर्ज किया गया। वहीं दुनिया में डेटा ट्रैफिक में अब तक नंबर वन कंपनी रही चाइना मोबाइल लुढ़क कर नंबर दो पोजिशन पर पहुंच गई। उसके नेटवर्क पर डेटा खपत तिमाही में 40 एक्साबाइट से भी कम रही। चीन की एक और कंपनी चाइना टेलीकॉम डेटा खपत के मामले में तीसरे नंबर पर, तो भारत की एयरटेल चौथे नंबर पर रही। दुनिया भर की टेलीकॉम कंपनियों के डेटा ट्रैफिक, ग्राहक आधार पर नजर रखने वाली टीएफिशियंट ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

5जी सेवाओं के शुरु होने के बाद, रिलायंस जियो के डेटा खपत में पिछले वर्ष के मुकाबले 35.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला। इस उछाल की मुख्य वजह है जियो का ट्रू 5जी नेटवर्क और जियो एयर फाइबर का विस्तार। जियो नेटवर्क रिलायंस जियो के तिमाही नतीजों के मुताबिक जियो ट्रू 5जी नेटवर्क पर 10 करोड़ 80 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं और जियो के कुल डेटा ट्रैफिक का करीब 28 फीसदी हिस्सा अब 5जी नेटवर्क से आ रहा है। दूसरी तरफ जियो एयर फाइबर ने भी देश भर के 5,900 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।

हालिया जारी तिमाही नतीजों में कंपनी ने जो आंकड़े मुहैया कराए हैं उनके मुताबिक जियो नेटवर्क पर प्रति ग्राहक मासिक डेटा खपत बढ़कर 28.7 जीबी हो गई है, जो तीन साल पहले केवल 13.3 जीबी थी। बताते चलें 2018 में भारत में एक तिमाही का कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक मात्र 4.5 एक्साबाइट था।

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