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प्रादेशिक

सीनियर की छेड़छाड़ से परेशान थी सातवीं की छात्रा, किसी ने नहीं सुनी तो चुना ये रास्ता

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वाराणसी। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में, रोहनिया थाना क्षेत्र के पनियरा गांव में अपने ही स्कूल के छात्रों की छेड़खानी से तंग 7वीं कक्षा की छात्रा ने जहर खाकर जान दे दी। मृतका के परिजनों ने स्कूल के ही 11वीं कक्षा के छात्र पर बेटी को आए दिन परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस आरोपी छात्र की तलाश में जुट गई है।

पुलिस के मुताबिक, रोहनिया थाना क्षेत्र के पनियरा ग्राम निवासी अरविंद पांडेय की 12 साल की बेटी श्रेया पांडेय रोहनिया थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल की कक्षा सात की छात्रा थी। शुक्रवार शाम स्कूल से लौटने के बाद उसने घर में जहर खा लिया। उसकी तबीयत बिड़गी देख परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए, जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मृतका के पिता ने स्कूल के कक्षा 11वीं के छात्र पर बेटी से छेड़छाड़ व परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम जब श्रेया स्कूल से घर लौटी तो उसे उल्टी होने लगी, जिसके बाद उसे एक राजातालाब स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां श्रेया ही हालत बिगड़ने पर भदवर में एक निजी अस्पताल ले जाया गया और देर रात उसकी मौत हो गई।

छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि 11वीं का एक छात्र आए दिन श्रेया को परेशान करता था। उनका कहना है कि आरोपी छात्र की शिकायत विद्यालय प्रबंधन से की गई थी, लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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