नेशनल
UP INVESTORS SUMMIT : पीएम मोदी ने योगी की शान में पढ़े कसीदे, बोले- यूपी भी Super-Hit Performance देने को तैयार
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार से शुरू हो रही दो दिवसीय इन्वेसटर्स समिट का शुभारंभ किया। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने इससे पूर्व समिट परिसर में सभी निवेशकों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का जायजा भी लिया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि सूबे मुखिया योगी आदित्यानाथ की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में परिवर्तन दिखने लगा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है, Potential + Policy + Planning+ Performance से ही Progress आती है। अब यूपी भी Super-Hit Performance देने के लिए तैयार है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुरू हुई उप्र इनवेस्टर समिट में पहुंचे कई नामी गिरामी उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उप्र में अब माहौल बदल चुका है। अब यहां उद्योगपतियों के लिए रेड टेप नहीं बल्कि रेड कार्पेट बिछा हुआ है। उप्र परिवर्तन की राह पर चल पड़ा है। लखनऊ में बुधवार से शुरू हुई दो दिवसीय इन्वेस्टर समिट 2018 में शिरकत करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले 11 महीने में जिस तरह से योगी के नेतृत्व में सरकार नई नीतियां बना रही है, उससे अब उप्र विकास के रास्ते में नहीं पिछड़ेगा।
मोदी ने कहा, ” पिछले 11 महीनों में सरकार ने कई नीतियां बनाई हैं। इससे उद्योगपतियों के लिए उप्र में निवेश करना आसान होगा। सिंगल विंडो की शुरुआत भी एक अच्छा और सराहनीय कदम है। इससे निवेशकों को तय समयसीमा के भीतर क्लीयरेंस मिलेगा। इससे एक विश्वास पैदा होगा और निवेश की संभावनाएं बनेंगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि योगी सरकार किसानों, नौजवानों और महिलाओं को ध्यान में रखकर कई कदम उठा रही है। उनके साथ किए गए वादे पूरे किए जा रहे हैं। उप्र सरकार की ओर से पॉवर फॉर ऑल की शुरुआत की गई है, इससे उद्योग लगाने में काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पिछले दिनों महाराष्ट्र में हुई इन्वेस्टर समिट में शामिल होने गए थे। वहां की सरकार ने अपने यहां ट्रिलियन डॉलर निवेश का लक्ष्य रखा है। हम चाहते हैं कि इस मामले में उप्र और महाराष्ट्र के बीच प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए कि कौन पहले ट्रिलियन डॉलर निवेश का लक्ष्य पूरा करता है।
उन्होंने कहा कि राज्यों के बीच निवेश को लेकर स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होनी जरूरी है। इससे ज्यादा से ज्यादा विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। मोदी ने कहा कि योगी सरकार की वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट योजना भी गेम चेंजर साबित हो सकती है। हर जिले की अपनी खूबियां होती हैं। वहां के प्रोडक्ट मार्केंटिंग में कमी की वजह से बाजार में जगह नहीं बना पाते हैं। इस योजना से हर जिले के उत्पादों को मार्केटिंग की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जब परिवर्तन होता है तो दिखाई देता है। आज इस समिट में आने के बाद इस बात का विश्वास हो गया है कि उप्र में परिवर्तन की शुरुआत हो गई है। मोदी ने कहा कि उप्र इन्वेस्टर समिट उद्योगपतियों के लिए सम्भावनाओं के नए द्वार खोलने में कामयाब होगी। मुझे विश्वास है कि उप्र योगी जी के नेतृत्व में नई उंचाइयों को छुएगा और इसमें उद्योगपतियों का भी सहयोग मिलेगा।
इससे पूर्व सम्मेलन की शुरुआत से पहले स्वागत भाषण में उप्र के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि वह उप्र में निवेशकों को भयमुक्त माहौल देने का वादा करते हैं। महाना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ही हम पिछले तीन महीने से इस समिट के लिए लगे हुए थे। इसमें 2000 से ज्यादा निवेशक मौजूद हैं। अभी तक सरकार ने 1500 से ज्यादा एमओयू साइन किए हैं।
नेशनल
दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ
लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।
26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।
इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।
इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान
असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।
दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।
-
लाइफ स्टाइल3 days ago
तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय
-
नेशनल3 days ago
हैदराबाद से बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता के खिलाफ FIR दर्ज, मस्जिद की तरफ काल्पनिक तीर छोड़ने का आरोप
-
नेशनल3 days ago
सपा ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव को बनाया उम्मीदवार, अखिलेश नहीं लड़ेंगे चुनाव
-
नेशनल3 days ago
शिक्षक भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से गई 24000 शिक्षकों की नौकरी, बस एक महिला की बची जॉब
-
नेशनल3 days ago
राहुल गांधी की तबियत आज भी खराब, तमाम चुनावी कार्यक्रम हुए कैंसिल
-
नेशनल3 days ago
दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा
-
नेशनल3 days ago
सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता नाबालिग को 30 सप्ताह का गर्भ गिराने की दी इजाजत