नेशनल
‘विक्रम कोठारी’ के ठिकानों पर जारी है छापेमारी, पत्नी को ले गई CBI
नई दिल्ली| रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी द्वारा कई बैंकों को कई करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कानपुर में दूसरे दिन भी उन्हीं तीन ठिकानों पर छापेमारी की, जिन पर एजेंसी ने सोमवार को छापा मारा था। सीबीआई ने कोठारी और उनकी पत्नी से आज भी पूछताछ की।
कानपुर में रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक विक्रम कोठारी के आवास पर सीबीआई और ईडी की कार्रवाई आज भी जारी है। कल के बाद आज भी दो टीमों ने छानबीन को आगे बढ़ाया है। आज दिन में करीब 11:30 बजे पर सीबीआई की एक टीम विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी को भूरे रंग की कार में बैठाकर ले गई है।
ऐसा माना जा रहा है कि टीम उनको लेकर बैंक गई है। जहां पर उनकी कंपनी तथा व्यक्तिगत खातों की जांच की जाएगी। इनके साथ ही कई लॉकर्स की जांच हो सकती है। आज ही एनसीएलटी की टीम के भी आने की संभावना जताई जा रही है
सीबीआई ने कहा कि यह छापेमारी कंपनी के निदेशकों के कार्यालय और आवासीय परिसरों में की गई जहां सोमवार को भी छापे मारे गए थे।
जांच एजेंसी ने नई दिल्ली में रोटोमैक के निदेशकों के घर और कार्यालय को सील कर दिया है। सीबीआई के मुताबिक ब्याज सहित यह ऋण घोटाला करीब 3,695 करोड़ रुपये का है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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