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नेशनल

PNB SCAM : घोटाले का दूसरा मास्टरमाइंड गोकुलनाथ CBI की गिरफ्त में, कोर्ट में पेशी आज

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नई दिल्ली। केंद्र्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी अरबपति हीरा व्यापारी नीरव मोदी का पता लगाने के लिए इंटरपोल से मदद मांगी है। नीरव मोदी फिलहाल देश से फरार हैं लेकिन सीबीआई को शनिवार को बड़ी कामयाबी तब मिली जब पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी सहित दो लोगों को दबोज लिया है। इसके साथ ही इन सभी को शनिवार को सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा।

CBI AND PNB के लिए इमेज परिणाम

उधर इस पूरे घोटाले के बाद राजनीति बहुत तेज हो गई है। कांग्रेस लगातार पीएम मोदी पर प्रहार कर रही है और सरकार को घेर रही है। केजरीवाल ने इस घोटाले के लिए केंद्र सरकार को कोसा है। इस बीच एक चौंकाने वाला सच सामने आ रहा है कि यह घोटाला रूक सकता था अगर यूपीए सरकार चाहती। दरअसल इस बात की ओर इशारा पीएनबी के एक पूर्व निदेशक दिनेश दुबे ने किया है। दिनेश दुबे यूपीए को लपेटते हुए कहा है कि गीतांजलि जेम्स को लेकर उन्होंने साल 2013 में केंद्र सरकार और आरबीआई को पत्र लिखकर अगाह किया था कि पहले समूह 1500 करोड़ रुपये का लोन चुकाए लेकिन इसके बाद उनके ऊपर दबाव पडऩे लगा और इस्तीफा दे दिया।
उधर सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी, भाई निशाल मोदी और बिजनेस पार्टनर मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल डिफ्यूजन नोटिस जारी किया है। इंटरपोल डिफ्यूजन नोटिस का इस्तेमाल अन्य देशों में छिपे किसी शख्स का पता लगाने के लिए किया जाता है।
नीरव मोदी पर सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 11,515 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।

उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी को नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया था लेकिन इससे पहले ही वे देश छोडक़र फरार हो गए थे।
पंजाब बैंक से 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर विदेश भागे आभूषण व्यापारी नीरव मोदी के जब्त लगभग 5100 करोड़ रुपये की संपत्ति का स्वतंत्र मूल्यांकन प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने शुरू कर दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय ने यह जांच मोदी के मामा और व्यापारी साझेदार मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह की कंपनियों के कम से कम 20 ठिकानों पर मारे गए छापे के बाद शुरू की है। ये छापे छह शहरों और पांच राज्यों में मारे गए हैं।

नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से 11,500 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी करने का आरोपी है। ईडी की टीम ने गुरुवार को इसी तरह के छापे मोदी के मुम्बई, सूरत और नई दिल्ली स्थित कार्यालयों, शोरूम और कार्यशालाओं पर मारे। छापे के दौरान भारी मात्रा में सोना, हीरा और अन्य कीमती पत्थर जब्त किए गए, जिसकी कीमत कई सौ करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर डिस्क और अन्य सामग्रियां भी जबत की है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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