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नेशनल

शहादत के बाद भड़के राजनाथ सिंह , बोले-देंगे माकूल जवाब

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नई दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी की निंदा की जिसमें सेना के एक कैप्टन सहित चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय सेना की बहादुरी पर पूरा विश्वास है और वे पड़ोसी को ‘माकूल जवाब’ देंगे। राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, “हमें सैनिकों की बहादुरी पर पूरा विश्वास है और वे इसका उचित जवाब देंगे।”

इससे पहले केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी व पुंछ जिले में पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम की निंदा की। हंसराज ने कहा कि ‘पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।’

गृह राज्य मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करता रहा है। इस साल संघर्ष विराम उल्लंघनों की संख्या अधिक है।”

हंसराज ने कहा, “कल (रविवार) उन्होंने फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। हम पाकिस्तान के कृत्यों को माफ नहीं करेंगे।”

उन्होंने कहा, “संघर्ष विराम का उल्लघंन पाकिस्तान की मूर्खता साबित होगा और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी संघर्ष विराम के उल्लंघन पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा, “भारतीय सेना पर भरोसा रखें। सही समय आने पर वे उचित जवाब देंगे।”

उन्होंने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक का उदाहरण देते हुए कहा, “जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किए तो मीडिया को इसकी जानकारी नहीं थी। इसी तरह वे सही समय पर कार्रवाई करेंगे।”

उन्होंने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रहा है। गिरिराज ने कहा, “बिहार में हिंदी का एक शब्द है लतखोर (पिटने का आदी) और इसी तरह पाकिस्तान भी लतखोर है और उसे सही जवाब दिया जाएगा।”

मंत्रियों की यह टिप्पणियां कश्मीर घाटी में सीमा पार से हुई गोलीबारी के बाद आई हैं।

राजौरी व पुंछ जिलों में रविवार को पाकिस्तानी गोलीबारी में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे व चार अन्य घायल हो गए।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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