नेशनल
चुनावी बजट पेश करेगी केंद्र सरकार : ममता
कोलकाता, 31 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय बजट 2018-19 को पेश किए जाने से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि बजट अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस की कोर समिति की बैठक के बाद उन्होंने कहा, केंद्रीय बजट कल (गुरुवार) पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार इस साल चुनावी बजट लेकर आ रही है। सबको पता है कि पिछले चार साल से सरकार कैसे चल रही है और वर्तमान में क्या हालात हैं। लेकिन इस साल वे एक चुनावी बजट पेश करने जा रहे हैं।
उन्होंने दावा किया, हम चुनाव को देखकर बजट पेश नहीं करते। हमारा बजट उन्नतिशील होता है। यह हमेशा जनता के लिए होता है। हमारी सरकार के साथ क्या होगा यह जरूरी नहीं है, हम कभी भी जनता विरोधी कार्यक्रम नहीं लाते हैं।
बंगाल में जल्द होने वाले पंचायत चुनाव के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल अगस्त तक सभी चुनावों को पूरा कर लिया जाएगा और उन्होंने पार्टी के नेताओं से आग्रह किया कि वे सभी लंबित कार्यों को समय से निपटा दें।
तृणमूल प्रमुख ने कहा, पंचायत चुनाव अगले तीन से चार महीने में होंगे, क्योंकि वर्तमान पंचायत का कार्यकाल इस साल अगस्त में समाप्त होने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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