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प्रादेशिक

कासगंज हिंसा में मृत युवक बोला- ज़िंदा हूं मैं, थाने जाकर दिया सबूत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद मृत घोषित कर दिए गए राहुल नाम के एक लड़के ने पुलिस स्टेशन जाकर खुद के जिंदा होने का सबूत दिया है।

दरअसल, कुछ शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पर उनकी मौत की अफवाह उड़ा दी थी। खुद राहुल को इसका पता तब लगा, जब उनके पास कई फोन कॉल्स आने लगे और उनसे कुशल-क्षेम पूछा जाने लगा। उनसे यह भी पूछा गया कि उनकी मौत हो गई है या वह जिंदा हैं।

शुरुआत में तो यह सब उन्‍हें मजाक लगा, पर कई लोगों ने जब उन्‍हें उनकी मौत से जुड़ी खबरों के स्क्रीनशॉट भी भेजे, तो उन्‍हें लगा कि इसमें कुछ गड़बड़ है। इसके बाद उसने खुद पुलिस के पास जाकर अपने जिंदा होने का प्रमाण दिया।

उधर, यूपी में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। योगी के सख्त रूख के बाद उप्र के पुलिस महानिदेशक ओ.पी सिंह ने कासंगज में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का निर्देश जारी किया है।

पुलिस महानिदेशक की ओर से सोमवार देर रात जारी निर्देश में कहा गया है कि किसी भी सांप्रदायिक तनाव के बाद मामले में दोषियों का अतिशीघ्र पता लगाकर कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं, दो पक्षों के बीच हुए विवाद को दोनों पक्षों में संवाद कराकर समाधान कराएं। अराजक तत्वों के मंसूबों को समय रहते निष्क्रिय करें। इसके लिए इंटेलिजेंस रिपोर्ट, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और जनता से भी सहयोग लिया जाए।

निर्देश में कहा गया है कि ऐसे तत्वों जिनके भ्रमण आदि से सांप्रदायिक सद्भाव एवं समरसता पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, उनके संबंध में निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। हर संवेदनशील स्थल पर सीसीटीवी से निगरानी करें। उन्होंने कहा, “हर ऐसे मामले पर नजर रखें, जिनके कारण सांप्रदायिक विद्वेष की स्थिति बन सकती है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई हो।”

पुलिस मुखिया की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि जिन स्थानों पर सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं, वहां अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए। जनपद स्तर पर महत्वपूर्ण अवसरों, जैसे धार्मिक पर्व, रैली, शोभा यात्रा आदि का वार्षिक कैलेंडर रखा जाए और सांप्रदायिक घटना के बाद जुलूस निकालने की संभावना को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा दी जाए।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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