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नेशनल

प्यार को पाने के लिए बरेली के छोरे ने सरहद को किया पार, ले आया पाक की बला की खूबसूरत लड़की

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बरेली। कहते हैं कि प्यार की कोई सरहद नहीं होती है। अगर किसी को सच्चा प्यार हो जाये तो वह शायद शादी तक भी पहुंच जाता है। कुछ इसी तरह का मामला तब देखने को मिला जब ईंट भट्टा का कारोबार करने वाले वसीम इम्तियाज के बेटे अलीशान ने एक पाकिस्तानी लडक़ी को अपना हमसफर बना डाला है। इससे यह साबित हो गया है कि प्यार के लिए कोई सरहद नहीं होती है। दरअसल वसीम इम्तियाज के बेटे ने इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी सुहेल अख्तर की 18 साल की बेटी से शादी करके मोहब्बत का नई इबारत लिखी है।

बताया जाता है कि दोनों का परिवार पहले से एक दूसरे को जानते थे लेकिन आजादी के बाद दोनों ही परिवार अलग हो गए थे। इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी सुहेल अख्तर की बेटी हफ्जा की पढ़ाई लाहौर में हुई है। उन्होंने लाहौर से ग्रेजुएशन किया है। वहीं वसीम ने बरेली कॉलेज से बीकाम किया है और बरेली की एक बड़ी जिम का मालिक भी है। दोनो का निकाह 6 दिसंबर को लाहौर में मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था। बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही लडक़े का परिवार पाकिस्तान गया था और अपनी होने वाली बहू को देखकर बहुत खुश भी हुआ था।

हफ्जा खूबसूरती के मामले में भी अव्वल है। लडक़े के करीबी दोस्त की मानें तो बारात रेल मॉर्ग से बाघा बॉर्डर पहुंची थी और कुछ लोग सरहद पार करके पाक में दाखिल हुए थे और इस दौरान दोनों मुल्कों की फौज की मौजूदगी में दोनों परिवारों को शानदार स्वागत किया गया।
कुछ बाराती रेल मार्ग से बाघा बार्डर पहुंचे तो सरहद पर दोनों मल्कों की फौज की मौजूदगी में दोनों परिवारों ने एक दूसरे का बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों तरफ से फूलों की बारिश होने लगी। इस दौरान नव विवाहित जोड़े को सैन्य अधिकारियों ने भी मुबारकबाद दी।

कुल मिलाकर भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी तनाव वाले देखे जा सकते हैं। आए दिन सरहद पर मौत का खेल चलता है। बरेली के छोरे ने पाकिस्तान की लडक़ी से शादी करके दोनों मुल्कों के बीच चल रहे तनाव को थोड़ा कम कर दिया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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