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रेप आरोपी आसाराम की भक्ति में लीन हुए पूर्व चीफ जस्टिस, पैर छूकर मांगा आशीर्वाद

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नई दिल्ली। कहते है ‘समझाया उसे जाता है जिसके पास दिमाग न हो जो नासमझ हो, लेकिन क्या हो तब जब समझदारी के साथ-साथ कानून का चोला पहने सम्मानित व्यक्ति भी अपनी गरिमा भूल जाएं अर्थात अपनी मर्यादा भूल बैठे।

दरअसल, नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम के पैर छूने के लिए हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश व पूर्व राज्यपाल का जोधपुर कोर्ट के पहुंचने के बाद वहाँ किया उनका कारनामा  चर्चा का विषय बना हुआ है।

आइये जानते है क्या है पूरा मामला-

शनिवार का मामला

कोर्ट के बाहर आरोपी आसाराम के चरणों में गिरे पूर्व जस्टिस-

रेप आरोपी आसाराम पर जब आईटी एक्ट और उत्पीड़न के दो अलग-अलग मामलों में आसाराम की पेशी हुई तो उस वक़्त वहां सिक्किम के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व राज्यपाल सुंदर नाथ भार्गव कोर्ट के दरवाजे के पास दो गार्ड लिए खड़े हुए थे इसके बाद जैसे ही पुलिसकर्मियों ने आसाराम को वैन से नीचे उतारा वैसे ही पूर्व जस्टिस भार्गव उनके पैरों में पड़ गए, इतना ही नहीं बल्कि भार्गव के गार्डों ने भी भी आरोपी बाबा से आशीर्वाद लिया।

पूर्व जस्टिस भार्गव ने खुद को आरोपी आसाराम का बताया भक्त-

इस पूरे मामले पर जब भार्गव से इसके पीछे की वजह पूछी गई तो वो खुद को एक रेप आरोपी आसाराम का भक्त बताने लगे कहना था कि वह एक निजी समारोह में जोधपुर आए हुए थे, तो पता चला कि आसाराम पेशी के लिए कोर्ट में आने वाले हैं। इनके दर्शन के लिए वह यहां आ पहुंचे। जब सुनवाई के बाद आसाराम कोर्ट से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे इस बारे में पूछा. आसाराम का कहना है कि भार्गव हमारे पुराने भक्त हैं, लंबे अरसे से हमें जानते हैं। उनकी मिलने की इच्छा हुई तो चले आए। उनकी न्यायपालिका में भी अच्छी पहचान है, जो भी होगा अच्छा होगा।

सरकारी गार्ड्स ने भी लिया आशीर्वाद

ये था मामला-

बता दें कि, अगस्त 2103 में एक नाबालिग ने आसाराम पर आश्रम के भीतर रेप करने का आरोप लगाया था। पीड़िता के परिजनों ने दिल्ली पुलिस से इस मामले की शिकायत की थी। इसके बाद आसाराम को गिरफ्तार किया गया था, बाद में इस केस को जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया।

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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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