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आध्यात्म

कृपालु जी की प्रेरणा से रोगियों को दे रहे बेहतर चिकित्‍सा की सौगात : राम पुरी

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वृंदावन। ‘जी हिन्‍दुस्‍तान’ टेलीविजन चैनल की ओर से आयोजित ‘स्‍वस्‍थ हिन्‍दुस्‍तान कॉन्‍क्‍लेव 2017’ में समाज में उत्‍कृष्‍ट और नि:शुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं देने में अग्रणी जगद्गुरु कृपालु परिषत्(जेकेपी) को सम्‍मानित किया गया। देश की राजधानी नई दिल्‍ली के एक होटल में शनिवार को आयोजित समारोह में जेकेपी अध्‍यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी की तरफ से ट्रस्‍टी राम पुरी ने पुरस्‍कार ग्रहण किया। इस मौके पर मुख्‍य अतिथि और केंद्रीय मंत्री स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण जे.पी. नड्डा और विशेष अतिथि और सीएमडी कैंट आरओ के डॉ. महेश गुप्‍ता मौजूद रहे।    

 

‘स्‍वस्‍थ हिन्‍दुस्‍तान कॉन्‍क्‍लेव 2017’ में चिकित्‍सा क्षेत्र में जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालयों को सम्‍मानित किए जाने से गद्गद जेकेपी के ट्रस्‍टी राम पुरी ने वृंदावन के प्रेम मंदिर में मीडिया से रूबरू हुए। वे शनिवार को ही अवार्ड ग्रहण करने के बाद प्रेम मंदिर, वृंदावन पहुंचे। उन्‍होंने बताया कि जगद्गुरु कृपालु जी की प्रेरणा से तीनों जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालयों के जरिए रोगियों को बेहतर चिकित्‍सा की सौगात दी जा रही हैं। इन चिकित्‍सालयों में रोगियों को मुफ्त इलाज की बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां न सिर्फ, गरीब रोगियों के लिए बल्कि उनके साथ देखभाल के लिए आए तीमारदारों के खानेपीने और रहने का भी अच्‍छा प्रबंध किया जाता हैं।

राम पुरी ने आगे बताया कि समय-समय पर फ्री हेल्‍थ चेकअप केम्‍प, मुफ्त नेत्र चिकित्‍सा शिविर, ब्‍लड डोनेशन कैम्‍प, हड्डी जांच शिविर और महिलाओं के लिए हेल्‍थ चेकअप कैम्‍प समेत अन्‍य चिकित्‍सा शिविरों का आयोजन भी कराया जाता है। राम पुरी ने कहा कि चिकित्‍सा हो या बालिका शिक्षा जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की प्रेरणा से परिषत् समाज सेवा के कार्यों में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है।

कहां–कौन से हैं अस्‍पताल

1– जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालय, मनगढ़, प्रतापगढ़, यूपी

मनगढ़ में बना जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालय अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें 75 बेड की व्‍यवस्‍था है। यहां रोजाना 700 मरीजों का एलोपैथी, होम्‍योपैथी, नैचुरोपैथी और एक्‍युप्रेशर पद्धति से इलाज होता है। 2003 में बने इस अस्‍पताल में इलाज के साथ–साथ दवाइयां भी मुफ्त दी जाती हैं।

2– जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालय, बरसाना, मथुरा, यूपी

30 बेड वाला यह चिकित्‍सालय 2007 में खोला गया था। यहां 350 से 400 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं। एलोपैथी, होम्‍योपैथी, नैचुरोपैथी और एक्‍युप्रेशर पद्धति से यहां मरीजों का मुफ्त इलाज होता है। मुफ्त दवाइयां भी दी जाती हैं।

3– जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालय, वृंदावन, मथुरा, यूपी

वृंदावन में 18 सितम्बर  2015 में खोले गए चेरिटेबल अस्पताल में जेकेपी के अन्य दो अस्पतालों की तरह ही मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं।

इस अस्पताल में हर दिन लगभग 500 मरीज इलाज को आते हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस अस्पताल में इमरजेंसी रूम, स्‍पेशलिस्‍ट डॉक्‍टरों की अलग–अलग ओपीडी और मिनी ऑपेरशन थिएटर हैं। यहां हर वर्ग के लोग अपना इलाज कराने आते हैं।

वृंदावन में संचालित हो रहे 100 बेड वाले अत्याधुनिक अस्पताल में मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं। अस्पताल में जनरल सर्जरी, नेत्र सर्जनस्त्री रोग विशेषज्ञत्वचा रोग विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, डेंटिस्‍ट, फि‍जियोथेरेपी, नैचुरोपैथी और होम्‍योपैथी समेत अन्य डॉक्टर मरीजों के इलाज के लिए हर समय मौजूद रहते हैं। अस्पताल में अत्याधुनिक रेडियोलॉजी लैब, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड मशीन भी हैं। इसके अलावा पैथालॉजी लैब में खूनपेशाब और स्टूल की मुफ्त जांच की जाती है।

आध्यात्म

होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त

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नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।

फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

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