Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

चिकित्सा में अनुकरणीय योगदान के लिए जेकेपी ट्रस्ट को ‘ZEE हिन्दुस्तान’ ने किया सम्मानित

Published

on

Loading

नई दिल्‍ली। ‘जी हिन्‍दुस्‍तान’ टेलीविजन चैनल की ओर से आयोजित ‘स्‍वस्‍थ हिन्‍दुस्‍तान कॉन्‍क्‍लेव 2017’ में समाज में उत्‍कृष्‍ट और नि:शुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में अनुकरणीय योगदान के लिए जगद्गुरु कृपालु परिषत् (जेकेपी) ट्रस्ट को सम्‍मानित किया गया।  देश की राजधानी नई दिल्‍ली के एक होटल में शनिवार को आयोजित समारोह में जेकेपी अध्‍यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी की तरफ से ट्रस्‍टी राम पुरी ने पुरस्‍कार ग्रहण किया। इस मौके पर मुख्‍य अतिथि और केंद्रीय मंत्री स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण जे.पी. नड्डा और विशेष अतिथि और सीएमडी कैंट आरओ के डॉ. महेश गुप्‍ता मौजूद रहे।    

इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि जे.पी. नड्डा ने समाज को निरोगी रखने के उद्देश्‍य से जेकेपी की ओर से मानवता के कल्‍याण में किए जा रहे निस्‍वार्थ सेवा भाव की सराहना की। उन्‍होंने परिषत् के संचालित तीन जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालयों में दिए जा रहे नि:शुल्‍क स्‍वास्थ्‍य परामर्श, मुफ्त ऑपरेशन और मुफ्त दवाइयों की व्‍यवस्‍था को समाजसेवा का अनुपम उदाहरण बताया।

उधर, अवार्ड लेने के बाद वृंदावन के प्रेम मंदिर पहुंचे ट्रस्‍टी राम पुरी  मीडिया से रूबरू हुए। उन्‍होंने बताया कि जेकेपी के तीनों जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालयों में रोगियों को मुफ्त इलाज की बेहतर सुविधाएं दी जा रही है। यहां न सिर्फ, रोगियों के लिए बल्कि उनके साथ देखभाल के लिए आए  तीमारदारों के खानेपीने और रहने का भी प्रबंध किया जाता हैं। समय-समय पर फ्री हेल्‍थ चेकअप केम्‍प, मुफ्त नेत्र चिकित्‍सा शिविर, ब्‍लड डोनेशन कैम्‍प, हड्डी जांच शिविर और महिलाओं के लिए हेल्‍थ चेकअप कैम्‍प समेत अन्‍य प्रकार के चिकित्‍सा शिविरों का आयोजन परिषत् की ओर से कराया जाता है।

‘स्‍वस्‍थ हिन्‍दुस्‍तान कॉन्‍क्‍लेव 2017’ में चिकित्‍सा क्षेत्र में जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालयों को सम्‍मानित किए जाने से गद्गद जेकेपी की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी, अवॉर्ड को जगद्गुरु कृपालु जी महाराज को समर्पित किया। 

मनगढ़ के भक्तिधाम में उन्‍होंने पत्रकारों को बताया कि ग्रामीण इलाकों में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की कमी को देखते हुए जगद्गुरु कृपालु परिषत् (जेकेपी) ने तीन चैरिटेबल जगद्गुरु कृपालु चिकित्‍सालयों का निर्माण कराया। ये तीनों अस्‍पताल सौ प्रतिशत चैरिटेबल और अत्‍याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से सुसज्जित हैं। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की प्रेरणा से इन चिकित्सालयों में गरीबों और निर्धन रोगियों का एलोपैथी, होम्‍योपैथी, नैचुरोपैथी और एक्‍युप्रेशर पद्धति से मुफ्त इलाज होता है। अस्‍पताल में इलाज के साथ–साथ दवाइयां भी मुफ्त दी जाती हैं।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending