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शिवसेना का पीएम पर बड़ा हमला, बोली-गुजरात का रण जीतने के लिए तमाशे पर उतारू मोदी

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 बई| शिवसेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘तमाशा करने’ व मौजूदा गुजरात चुनाव अभियान को ‘निम्न स्तर’ तक पहुंचाने का आरोप लगाया। केंद्र व राज्य में भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल शिवसेना ने कहा कि मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए विकास के मुद्दे को छोड़कर अपने चुनाव अभियान में ‘मुगल शासन की कब्र खोदी।’

शिवसेना हाल के समय में तनावपूर्ण संबंधों के कारण भाजपा पर प्रहार करती रही है। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ के संपादकीय में कहा, “गुजरात की जनता ने इन्हीं सब वजहों से कांग्रेस को गत 22 वर्षो से नकारा है..प्रधानमंत्री अपने गृह राज्य में विकास व प्रगति के मुद्दे को छोड़कर ‘तू-तू, मैं-मैं’ पर लगे हुए हैं।”

कड़े शब्दों वाले संपादकीय में इस बात की ओर इशारा किया गया कि कैसे मोदी अपनी जनसभा में कभी ‘बहुत भावुक’ व कभी ‘बहुत आक्रमक’ रूख अख्तियार कर लेते हैं और आश्चर्य जताया कि राहुल गांधी को हराने के लिए कैसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मुख्यमंत्री इस तरह की निम्न स्तरीय चुनावी रणनीति अपना रहे हैं।

संपादकीय के अनुसार ‘नीच’ बयान ‘नौकरीविहीन’ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने दिया और जिसका जवाब मोदी ने इस टिप्पणी को गुजराती अस्मिता से जोड़ कर दिया। इसके बाद विवाद बढ़ने से कांग्रेस को मणिशंकर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटाना पड़ा और अय्यर ने माफी मांगी।

संपादकीय के अनुसार, “मोदी ने कहा कि मुझपर की गई यह टिप्पणी देश का अपमान नहीं है, बल्कि गुजरात के लोगों का अपमान है”, जिसके बाद कांग्रेस को इस टिप्पणी की क्षतिपूर्ति करने के लिए आनन-फानन में अय्यर को पार्टी से निलंबित करना पड़ा।

संपादकीय में कहा गया है कि इस तरह के बयान से, मोदी खुद को छोटा बना रहे हैं…हमलोग हमेशा यह समझते हैं कि वह लोगों और देश के सभी हिंदुओं के ‘गौरव’ हैं लेकिन वह अभी भी गुजरात र्ढे से चिपके हुए हैं।

शिवसेना ने मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “वह राष्ट्रीय नेता से ज्यादा खुद को क्षेत्रीय नेता के रूप में पेश कर रहे हैं लेकिन जब कोई क्षेत्रीय अस्मिता का मुद्दा उठाता है तो वे लोग राष्ट्रीय गौरव की तलवार चलाकर चुप रहने की धमकी देते हैं।”

संपादकीय के अनुसार, “यह भाजपा द्वारा स्पष्ट कर दिया गया कि चुनाव जीतने में झूठ और सच, यहां तक की ‘विकास’ के मुद्दे का भी कोई मतलब नहीं है, यही कारण है कि पार्टी अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करना भूल गई और किसी ने भी चुनाव अभियान में विकास का मुद्दा नहीं उठाया।”

संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात चुनाव अभियान ड्रामेबाजी, भावुक भाषण देना, आंसू गिराना और तांडव करने तक पहुंच गया है और अंतिम चरण में, मोदी ‘मेरे देश के लोग मेरा परिवार हैं’ कहकर बहुत भावुक हो जाते हैं।

संपादकीय में सवाल उठाया गया है कि क्या इससे पहले के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का देश के लोगों के साथ कोई संबंध नहीं रहा है? इंदिरा गांधी जैसी नेता ने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया जबकि कई अन्य ने देश के लिए वर्षो जेल में बिताए।

शिवसेना ने कहा, “उन्होंने अपना बहुत कुछ बलिदान किया क्योंकि वे लोग भारत के लोगों को अपना परिवार मानते थे।”

संपादकीय में कहा गया है कि न केवल वे लोग, बल्कि सीमा पर शहीद होने वाले सैनिक भी उसी परिवार का हिस्सा हैं। इसमें सत्तारूढ़ दल से अपील की गई है कि वह अपने बहुत अधिक भावोत्तेजक भाषणों पर लगाम लगाए।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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