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नेशनल

BHU: प्रश्नपत्र में पद्मावती के जौहर पर छात्रों से मांगा गया जवाब, तीन तलाक पर कह दिया गया ये…

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वाराणसी। बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) एक बार फिर से विवादों के घेरे में है। पिछले दिनों यूनिवर्सिटी परीक्षा के प्रश्नपत्र में केंद्र की मोदी सरकार के जीएसटी को प्रकांड अर्थशास्त्री कौटिल्य से जोड़कर पूछे गए प्रश्न का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि नए प्रश्नपत्र में पूछे गए सवालों ने एक और नए विवादों को बुलावा दे दिया है।

इतिहास विभाग के एमए 3rd सेमेस्टर के परीक्षा में इस्लाम में तीन तलाक और हलाला एक समाजिक बुराई है। इस विषय पर निबंध लिखने का सवाल पूछा गया था।

ये सभी प्रश्न 22 नवंबर को ‘सोसायटी ऑफ कल्चर एंड रिलिजन इन मेडवल ऑफ इंडिया’ विषय के पेपर पर पूछा गया था। इसके बाद कई कट्टरपंथी संगठनों ने बवाल करते हुए आपत्ति दर्ज कराई है।

इतिहास के इस प्रश्न पत्र में सवाल पूछा गया है कि जिल्ले अल्लाह क्या है? इस्लाम में हलाला क्या है? अलाउद्दीन खिलजी द्वारा नियत की गई गेंहू की क्या कीमत थी?

इसी प्रश्नपत्र के सेक्शन बी में रानी पद्मावती के ऊपर भी सवाल पूछा गया है। 10 नंबर के इस सवाल में छात्रों से पूछा गया कि ‘आप जौहर परंपरा से क्या समझते हैं? अलाउद्दीन खिलजी की अवधि में रानी पद्मावती के जौहर का वर्णन करें।’

गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती लगातार विवादों में है। ऐसे में प्रश्नपत्र में इससे जुड़े सवाल को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

वहीँ यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि प्रश्नपत्र में पूछे गए सभी सवाल बेतुके और कोर्स के बाहर के थे इसीलिए वे सब इन प्रश्नों का विरोध कर रहे।

ये तर्क दिए यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर ने-

विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर, राजीव श्रीवास्तव ने कहा- “अगर छात्रों को सिखाया नहीं जाता है और ऐसी चीजों से पूछा जाता है कि वे इसके बारे में कैसे जान पाएंगे? जब वे मध्ययुगीन इतिहास पढ़ाते हैं तो ये चीजें अपने आप में एक हिस्सा बन जाती हैं। इतिहास विकृत हो चुका है, हमें असली इतिहास जानने के लिए उन्हें चीजों को सिखाने की जरूरत है।”

मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कहा- अच्छा है-

मुस्लिम महिला फांउडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी का कहना है- “हम इसका समर्थन करते हैं। हलाला को सिर्फ पेपर में नहीं बल्कि कैंपेन करके सबको बताना चाहिए। ये मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप है।”

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नेशनल

गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद

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वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।

बता दें कि गृह मंत्री बुधवार की शाम काशी दौरे पर पहुंचे थे। वे महमूरगंज के मोतीझील में पीएम नरेंद्र मोदी और वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। फिर मोतीझील मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने काशी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरने का काम किया। उसके बाद उन्होंने काशी में ही रात्रि विश्राम किया था। गुरुवार सुबह अचानक से दर्शन पूजन का प्लान तैयार किया गया था। इसके क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया.

काशी के कोतवाल का दर्शन करने के बाद उन्हें विश्वनाथ मंदिर भी जाना था लेकिन अचानक से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां से वह अगले कार्यक्रम के लिए जाएंगे। फिलहाल गृहमंत्री ने काल भैरव मंदिर में विशेष पूजन किया है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है कि काल भैरव अष्टक के साथ उनका विशेष पूजन करवाया गया है ताकि सुख, शांति व समृद्धि के साथ उन्हें बड़ी जीत मिल सके।

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