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अन्तर्राष्ट्रीय

हिंसक चरमपंथ के खिलाफ एकजुट हों : ओबामा

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वाशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दुनियाभर के मुसलमानों से इस धारणा का विरोध करने की अपील की कि पश्चिमी देश इस्लाम के खिलाफ हैं। ओबामा ने मुस्लिम समुदाय से यह अपील ‘हिंसक चरमपंथ से मुकाबले’ पर व्हाइट हाउस में आयोजित एक सम्मेलन में बुधवार को अपने अंतिम भाषण में की।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की मुताबिक, ओबामा ने कहा, “विद्वानों और मौलवियों सहित मुस्लिम समुदायों पर न सिर्फ इस्लाम की गलत व्याख्या, बल्कि इस झूठ को भी दूर करने का दायित्व है कि हम सभ्यताओं के संघर्ष में उलझे हैं और मुसलमानों को दबाना चाहते हैं।” ओबामा ने कहा, “यह धारणा झूठ है कि पश्चिमी देश इस्लाम के खिलाफ युद्धरत हैं।” ओबामा ने दोहराया कि वह इस्लाम के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई इस्लाम के खिलाफ नहीं है। हमारी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने इस्लाम को विकृत किया है।”

ओबामा ने दुनियाभर की सरकारों से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि गुरुवार की मंत्री स्तरीय बैठक के बाद कई देश विदेशी आतंकवादियों के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। ओबामा ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा विविध समाज सभी मान्यताओं और सभी पृष्ठभूमियों के लोगों का स्वागत और सम्मान करे।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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