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शादी की रात ससुर से अचानक दहेज मांगने लगा दूल्हा, बेटी ने दो टूक शब्दों में दिया ऐसा जवाब कि…

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कोटा। एक पिता के लिए बहुत ख़ुशी और साथ ही साथ बहुत दुःख का पल भी था मौका था। बेटी की शादी का जिस ख्याल का बेटी सपना देखती है आखिरकार वो सपना सच होने वाला था। बाकियों की तरह वो बेटी भी डोली में बैठकर अपने पिता के आँगन को तहे-ए-दिल से तो नहीं पर परम्परा के अनुसार छोड़ने को तैयार थी।

शादी की सभी तैयारियां हो चुकी थी। समारोह में सब खुश थे। मेहमान भी आ गए थे। फेरे लिए जाने वाले ही थे की,अचानक दुल्हन क़े पिता ने स्टेज पर आकर वो कहाँ जिसे सुन कर सभी दंग रह गए। दुल्हन क़े पिता ने रात 10 बजे अचानक सभी मेहमानों कि मौजूदगी में स्टेज पर चढ़कर कहाँ कि,यदि आप सभी ने खाना खा लिया हो तो, आप अपने-अपने घर जा सकते है, हमें ये शादी नहीं करनी है। बारात बिना दुल्हन लिए ही लौट जाये। इतना सुनते ही इस पूरे माहौल में ख़ुशी कि जगह निराशा और आश्चर्य ने ले ली।

और बस हर जुबां पर ख़ामोशी और मन ही मन चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।

दरअसल, हम आपको कहानी सुना रहे है कोटा की डॉक्टर शशि सक्सेना की जिसने अपने ससुर और होने वाले पति की डिमांड सुनते ही अपनी शादी से तुरंत इंकार कर दिया। शशि ने खुद सभी क़े सवालो का जवाब देते हुए पूरा सच बता दिया और कहा कि- लड़के के पिता ने मेरे पिता से भारी दहेज़ की मांग की थी मना करने पर आज इन्होनें अपनी असलियत दिखा दी।

उसने कहा, मैं जिस लड़के क़े साथ जीवन बिताने जा रही थी, जिसके साथ पिछले 3 महीने से फ़ोन पर बात कर रही थी, उसकी इस सोच क़े कारण में आहत हूँ। जब पापा ने मुझ से कार में ले जाकर ये बात कही तो में भौचक्की रह गई ,उन्होंने मुझ से करीब दस  बार पूछा कि तेरा फैसला क्या है। क्या हम डिमांड मान ले, तो मैंने खुद साफतौर से कहा, कह दीजिये ले जाएं अपनी बारात वापस, इसमें कुछ सोचना या समझना नहीं है।

समाज क्या कहेगा, लोग क्या कहेंगे, मुझ से शादी कौन करेगा ये सवाल अपने मन से निकाल कर, मेने अपने दिल कि आवाज़ सुनी और ये फैसला किया है।

 

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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