नेशनल
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर दागा तीखा सवाल, हर गुजराती कर्ज में डूबा क्यों?
अहमदाबाद। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गुजरात दौरे का गुरुवार को दूसरा दिन है। राहुल आज गुजरात में कई नुक्कड़ सभाएं करेंगे और फिर स्वामीनारायण मंदिर भी जाएंगे। लेकिन इससे पहले ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा सवाल दागा है। इस सवाल में उन्होंने गुजरात के वित्तीय प्रबंधन पर उंगली उठाई है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर गुजरात पर कर्ज को लेकर नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा है कि 1995 में गुजरात पर 9,183 करोड़ रुपये का कर्ज था और 2017 में गुजरात पर 2,41,000 करोड़ का कर्ज है यानी हर गुजराती पर 37 हजार रुपये का कर्ज है। राहुल गांधी ने पूछा है कि नरेंद्र मोदी के वित्तीय कुप्रबंधन और पब्लिसिटी की सजा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
ज्ञातव्य है कि कांग्रेस ने गुजरात चुनावों को लेकर एक रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत राहुल गांधी पीएम मोदी से रोजाना एक सवाल पूछेंगे। राहुल गांधी ने इसकी शुरूआत बुधवार से की थी।
बता दें कि बुधवार को भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के 50 लाख घर देने के वादे पर सवाल उठाए थे। राहुल ने ट्वीट किया था, ’22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब। गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्री जी से पहला सवाल: 2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे, 5 साल में बनाए 4.72 लाख घर। प्रधानमंत्री जी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?’
बुधवार को अपने दौरे के पहले दिन कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सोमनाथ मंदिर में दर्शन किए और जनसभा को संबोधित किया। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह अमिताभ बच्चन से भी बड़े एक्टर हैं। एक्टिंग में उनका कोई मुकाबला नहीं है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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