Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राहुल को मिलेगा 35 साल पहले बिछुड़ा भाई, भाजपा को लगेगा झटका

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी की कमान संभालते ही पार्टी में काफी बड़े बदलाव नजर आने की उम्मीद है। इस बदलाव के तहत दो भाई एक बार फिर गले लग सकते हैं। खबरों की मानें तो सुल्तानपुर से भाजपा सांसद और राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

अटकलें हैं कि राहुल गांधी अपने चचेरे भाई और भाजपा सांसद वरुण गांधी का कांग्रेस में स्वागत कर सकते हैं। आगरा के एक स्थानीय नेता का मानना है कि वरुण गांधी को जो जगह मिलनी चाहिए वह जगह उन्हें भाजपा में नहीं मिल रही है। राज्य में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर वरुण गांधी सबसे ज्यादा लायक थे लेकिन पार्टी द्वारा उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।

मुस्लिम नेता हाजी जमीलुद्दीन का कहना है कि भाजपा में वरुण को नजरअंदाज किया गया है, बीजेपी में पीएम मोदी के अलावा और किसी को अपनी बात कहने का हक नहीं है। फिर भी वरुण ने लगातार अपनी बात को रखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कई समर्थकों ने यूपी सीएम के लिए वरुण का नाम आगे करने की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

लगातार पार्टी से साइडलाइन हो रहे वरुण गांधी स्वर्गीय संजय गांधी के बेटे हैं। यह भी एक सच है कि वरुण गांधी हो या फिर राहुल गांधी, दोनों की तरफ से कभी खुले तौर पर एक दूसरे के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं हुई है। यही कारण है कि इन संकेतों को तवज्जो मिल रही है। अगर ऐसा होता है तो गांधी परिवार करीब 35 साल बाद फिर एक साथ होगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending