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नेशनल

जदयू का आरोप, मांझी खेमा कर रहा खरीद-फरोख्त

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पटना| बिहार में सत्ता संघर्ष के बीच गुरुवार को जहां जनता दल (यूनाइटेड) को विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल गया, वहीं पार्टी ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी खेमे पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री मांझी शुक्रवार को सदन में विश्वास मत साबित करने वाले हैं। इस बीच, जदयू ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में मांझी खेमे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का न केवल आरोप लगाया, बल्कि इस संबंध में एक ऑडियो भी जारी किया।

जदयू के विधायक शरफुद्दीन ने आरोप लगाया कि मांझी को समर्थन देने के लिए सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने उन्हें फोन कर पद और पैसों का लालच दिया। शरफुद्दीन ने पप्पू यादव से हुई बातचीत रिकार्ड कर पत्रकारों को सुनाया। शिवहर के विधायक ने कहा कि पप्पू यादव ने अपने ही मोबाइल पर उन्हें मांझी से भी बात करवाई। मांझी ने भी कहा, “जल्द आइए, आपको बड़ा पद मिलने वाला है।”

शरफुद्दीन ने मीडिया से कहा कि मांझी खेमे के लोगों ने समर्थन लेने के लिए उन्हें कई बार फोन किया है। इधर, जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि विधायकों को पैसों और पदों का लालच देकर खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि मांझी की सरकार मात्र 12 विधायकों के समर्थन से चल रही है। उन्होंने मौजूदा हालात के लिए भाजपा को जिम्मेवार ठहराया।

इस बीच, बिहार विधानसभा में जद (यू) को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल गया है। विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इस फैसले के खिलाफ भाजपा के विधायक विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक जद (यू) के विधायक और पूर्व मंत्री विजय कुमार चौधरी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया गया है। अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा के विधायक इसके खिलाफ विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए और अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की।

भाजपा के विधायक और मुख्य प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के दबाव में विधानसभा अध्यक्ष असंवैधानिक फैसले कर रहे हैं, जिसका भाजपा विरोध कर रही है। पूर्व प्रतिपक्ष नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा जब सत्ता और विपक्ष में एक ही पार्टी बैठेगी। उन्होंने कहा कि जद (यू) के दबाव में अध्यक्ष ने ऐसा निर्णय लिया है। वहीं, नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि राजभवन केंद्र सरकार के दवाब में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजभवन ही बताए कि इस समय राज्य में किस पार्टी की सरकार है।

गौरतलब है कि राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने मांझी को 20 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। इसी दिन से विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में इस समय 10 सीटें रिक्त हैं और बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों की जरूरत है। विधानसभा में जद (यू) के 111, भाजपा के 87, कांग्रेस के पांच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 24, निर्दलीय पांच तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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