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नेशनल

मोहन भागवत बोले, रामजन्मभूमि पर केवल मंदिर बनेगा, और कुछ नहीं

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उडुपी (कर्नाटक)। गुजरात चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का मुद्दा उठाया और कहा कि मंदिर विवादास्पद जगह पर ही बनेगा और वहां ‘कुछ भी नहीं’ बनेगा।

उन्होंने विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के तीन दिवसीय धर्म संसद में कहा, “राम मंदिर राम जन्मभूमि पर ही बनेगा और वहां कुछ भी नहीं बनेगा। इसका निर्माण किया जाएगा और वास्तविक स्वरूप में उसी पत्थरों से निर्माण किया जाएगा। इसका निर्माण उनके नेतृत्व में होगा, जिन्होंने इस आंदोलन की अगुवाई की थी और इसके लिए 20-25 वर्षो तक लड़ते रहे।” भागवत ने कहा, “समय काफी नजदीक आ गया है। हमें बहुत सावधान रहना होगा और एक-एक करके कदम उठाना होगा। हमें और किसी चीज के बारे में नहीं सोचना होगा।”

उन्होंने कहा, “हिंदू समाज और दुनिया के सार्वभौमिक कल्याण के लिए, राम मंदिर को अयोध्या के राम जन्मभूमि में बनने दे। यही मेरी इच्छा है।” इससे पहले पेजावर मठ के मठाधीश विश्वेषातीर्थ स्वामीजी ने कहा कि सभी बाधाओं को पार करने के बाद राम मंदिर का निर्माण एक वर्ष में शुरू हो जाएगा। यह पहली बार है, जब भागवत ने सार्वजनिक मंच पर राम मंदिर मुद्दे पर खुल कर बोला है।

शिया केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने इस सप्ताह के शुरुआत में कहा था कि वे लखनऊ में मस्जिद बनाने के लिए तैयार हैं, ताकि आयोध्या में मंदिर बनाया जा सके। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए भागवत ने कहा, “बालासाहेब ने एक बार मुझसे कहा था कि आप केवल कारसेवकों के सहारे राम मंदिर नहीं बना सकते। इसके लिए कठिन लड़ाई लडऩी पड़ेगी, जिसमें 20 से 30 वर्ष लगेंगे। अगर आप लगातार लड़ाई जारी रखेंगे तो 20 से 30 वर्षो में राम मंदिर के निर्माण की संभावना है।”

उन्होंने कहा कि स्वंयसेवक उनके पास आते हैं और पूछते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा। भागवत ने कहा, “मैं उन्हें कुछ नहीं कहता हूं, क्योंकि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं। यह 1990 में शुरू हुआ। जैसे बालासाहेब ने कहा था, हमने 2010 में 20 वर्ष पूरा कर लिया और 2020 में 30 वर्ष पूरा हो जाएगा। उनका शब्द बेकार नहीं जाएंगा।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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