नेशनल
शिवसेना का मोदी सरकार पर तंज, आज ‘ईश्वर’ बन गया भिखारी
मुंबई। केंद्र की मोदी सरकार पर शिवसेना के हमले का क्रम जारी है। मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में शिवसेना ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी पर करारा हमला किया है। लेख में कहा गया है कि जनता ईश्वर है, लेकिन नोटबंदी के चलते ईश्वर को भी भिखारी बनकर रहना पड़ रहा है।
‘ईश्वरी वरदान’ शीर्षक के संपादकीय में शिवसेना ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, मोदी सरकार हर अच्छी चीज का श्रेय लेती है और जब बुरा होता है तो उससे खुद को अलग कर लेती है। लेख की शुरुआत में शिवसेना ने लिखा, ‘इन दिनों हमारे देश में क्या घट रहा है यह शोध का विषय है। लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करके जानलेवा विज्ञापन बाजी थमने का नाम नहीं ले रही।’
लेख में लिखा गया, ‘बुलेट ट्रेन मोदी सरकार का वरदान है, लेकिन मालाड में जो दुर्घटना हुई उसका श्रेय लेने को सरकार कि तरफ से कोई नही आया। इस बात का आश्चर्य है की 17 वर्ष के बाद हिन्दुस्तान ने विश्व सुंदरी का खिताब जीता, उस हरियाणवी कन्या का नाम मानुषी छिल्लर है। अब मानुषी ने देश कि शान बढ़ाई वो सरकार के कारण ही? इसका श्रेय सरकार ने क्यों नहीं लिया? यह आश्चर्य कि बात है।’
महाराष्ट्र की सरकार में साझीदार शिवसेना ने मोदी सरकार की तुलना ब्रिटिश हुकूमत से की और कहा है कि ब्रिटिश व्यापारी के रूप में और देश में ‘तोड़ो, फोड़ो और राज करो’ नीति के तहत 150 साल तक देश में बने रहे। व्यापारियों पर कभी भी ईश्वरीय वरदान नहीं होता, उसके जरिए लूट ही होती है। आज भी जिन्हें ईश्वरीय वरदान लगती है, वह ईश्वरों का अपमान करना रोकें। ईश्वर भिखारी हो गया है!
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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