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बेटे की चाहत में दिया इतनी बेटियों को जन्म, फिर नसबंदी….

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मध्यप्रदेश। आजतक आप ने बहुत सारे अजीबोगरीब किस्से सुने और देखें होंगें लेकिन आज जो किस्सा हम आपको सुनाने जा रहे है वो न सिर्फ अजीबोगरीब है बल्कि चौंका देने वाला भी है। दरअसल, मध्यप्रदेश के गुना शहर में एक औरत ने बेटे को जन्म देने की चाह में 10 बेटियों को जन्म दे दिया लेकिन जब इसके बाद भी उस महिला का बेटे को पाने का मोह नहीं छूठा तब जाकर उस महिला की काउंसलिंग कराई गई तमाम कोशिशों के बाद में महिला नसबंदी के लिए तैयार हुई।

बता दें कि महिला की 9 बेटियाँ पहले से ही है।

शुक्रवार को उसकी 10वीं डिलीवरी जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में हुई, तो मामला उजागर हुआ। राजस्थान से आई इस महिला की मां ने बताया वह पांचवी तक पढी है। कई बार समझाया भी, इतने बच्चे पैदा मत करो, लेकिन कहती है एक बार बेटे का मुंह देखना चाहती हूं। उसकी दो बडी बेटियों की शादी हो चुकी है, जो अस्पताल में उसके हाल-चाल जानने पहुंचीं। पति खेती और मजदूरी करता है। उसका कहना है कि वह अपनी सभी बेटियों को ठीक से पाल रही है और अब नवजात को भी पालेगी।

शुक्रवार को डीपीएचएनओ ई. थॉमस भी उससे मिलने पहुंचीं और बेटा-बेटी में अंतर न करने और जल्द ऑपरेशन कराने समझाइश दी। ऑपरेशन का निर्णय लेने का अधिकार पीसीपीएनडीटी प्रभारी ई. थॉमस ने बताया स्वस्थ और सुखी परिवार के लिए 2 बच्चों के बाद ऑपरेशन करा लेना चाहिए। दूसरे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी ऑपरेशन हो सकता है। इस दौरान महिला को कानूनी रूप से किसी परिजन यहां तक की पति तक की सहमति की जरुरत नहीं है। वह स्वयं यह निर्णय ले सकती है।

उन्होनें कहा- अगर बेटा पैदा करने के लिए कोई दबाव बनाता है, तो भी वे उसकी शिकायत दर्ज करा सकती है।

फिलहाल, अभी तक महिला की सभी डिलीवरी नार्मल हुई हैं, लेकिन तब भी हालत ऐसी नहीं कि उसका नसबंदी ऑपरेशन किया जा सके।

 

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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