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नेशनल

सतना की मेयर ने आईएएस को धमकाया, बोली-अपनी औकात में रह तू

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मध्य प्रदेश। भाजपा की महापौर ममता पांडेय ने एक बार फिर अपने रसूख के दम पर आईएएस को धमकाने की कोशिश की है। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान गरीबों के लिए मकान आवंटन के लिए लॉटरी निकाली जा रही थी। योजना के तहत 273 लोगों को मकान का आंवटन किया जाना था। इस कार्यक्रम में एमपी के सतना की महपौर ममता पांडे और आईएएस प्रतिभा पॉल भी मौजूद थी लेकिन किसी बात को लेकर दोनों में ठन गई। दोनों के बीच तीखी बहस भी देखी जा सकती थी। इस दौरान महपौर ममता पांडे आपे से बाहर हो गई और आईएएस प्रतिभा पॉल पर बरसती हुई कहने लगी औकात में रहकर बात कर।

उन्होंने आईएएस की धमकाते हुए आगे कहा कि मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूं एलएलबी में। मुझे मत सिखाइए कि भाषा शैली क्या है। आप अपनी भाषा शैली पर आइए। मुझे अनुशासन मत सिखाइए। उन्होंने आईएएस से कहा कि ठीक नहीं होगा जो मुझे अनुशासान सिखाया, औकात में रहकर बात करना। इस पूरी बहस का वीडियो भी लीक हो गया है।

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बता दें कि इससे पूर्व महपौर ममता पांडे पहले भी कई बार विवादों में रह चुकी है। एक बार उन्होंने निगम कार्यालय में अधिकारियों के डांस करने पर उनपर नोट लुटाते हुए दिखी थी। इसका वीडियो भी सामने आ चुका था। हालांकि उन्होंने इस पर तर्क देते हुए कहा था कि सतना को स्मार्ट सिटी के लिए चुने जाने पर वह जश्न मना रही है। कुल मिलाकर अब आईएएस प्रतिभा पॉल के साथ उनका यह विवाद सोशल मीडिया पर आ चुका है। वीडियो जारी हो गया है और इसमें साफ दोनों के बीच कड़ी बहस देखने को मिल रही है।

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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