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नेशनल

OMG! मुसीबतों में घिरी माहिरा की ‘वर्ना’, यहां हो सकती है बैन

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नई दिल्ली। पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान एक बार सुर्खियों में है। हाल के दिनों में माहिरा खान और रणबीर कपूर की सिगरेट पीते कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तब इसकों को लेकर उन्हें ट्रोल किया गया था। पाकिस्तान से मिली जानकारी के अनुसार माहिरा खान की आने वाली फिल्म वर्ना को लेकर काफी विवाद हो गया है। पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन करने की तैयारी है।

दरअसल इस फिल्म में माहिरा खान एक रेप पीडि़ता का किरदार निभा रही हैं। इसको लेकर पाकिस्तान में बवाल हो गया है। इस फिल्म में रेप सीन को लेकर पाकिस्तान में पूरा विवाद हो गया है। दूसरी ओर सेंसर बोर्ड जब यह फिल्म देखने के बाद तय होगा कि इस फिल्म को बैन किया जायेगा या नहीं।

इस बारे में सीबीएफसी चेयरमैन मोबाशिर हसन ने कहा कि फिल्म रूल 1980 के तहत इस पर फैसला लिया जाएगा। फिल्म में माहिरा के अलावा हारून शाहिद और जरार खान इस फिल्म में अहम भूमिका में नजर आ रही है।

फिल्म की रिलीज डेट 17 नवम्बर है। कुल मिलाकर माहिरा खान बॉलीवुड में अपना कदम जमा रही है। बॉलीवुड में भी उनकी धमक फिल्म रईस में देखने को मिल चुकी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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