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नेशनल

गाय की शरण में ममता बनर्जी सरकार, उठाया बड़ा कदम

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार अब राजनीति के लिए गाय की शरण में पहुंच गई है। अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने कमर कस ली है। इसे देखते हुए ममता सरकार ने ऐलान किया है कि ग्रामीण इलाकों में हर एक परिवार को तोहफे के रूप में गाय दी जाएगी। हालांकि सरकार का कहना है कि इस परियोजना का पंचायत चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है।

पशु संसाधन विकास मंत्री स्वपन देवनाथ ने बुधवार को कहा कि इस परियोजना का मकसद ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना और राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हम पहले ही ग्रामीण परिवारों को चिकन और बकरियां वितरित कर चुके हैं। इस साल हम इसमें गाय की बछिया को जोड़ रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, गाय वितरित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। ये सारी प्रक्रिया आने वाले कुछ महीनों में पूरी की जाएगी। देबनाथ ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार के दौरान पश्चिम बंगाल में दुग्ध उत्पादन 16 फीसदी बढ़ा है। हालांकि, यहां भी थोड़ी खामिया हैं और हम इसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

पहले चरण में बीरभूम जिले में दो हजार गाय बांटने का लक्ष्य रखा गया है। उसके बाद दूसरे जिलों में भी यह काम शुरू होगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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