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नेशनल

राहुल ने स्‍मॉग पर ली मोदी की चुटकी, बोले-‘सीने में जलन, आंखों में तूफ़ान सा क्यों है’

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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को फिल्मी ग़ज़ल के शब्दों के माध्‍यम से राजधानी और एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से आम आदमी को हो रही परेशानियों का जिक्र किया। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘क्या बताएंगे साहेब, सब जानकर अनजान क्यों हैं?’ एक ट्वीट से उन्होंने कहा, ‘सीने में जलन, आंखों में तूफ़ान सा क्यों है। इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों है। क्या बताएंगे साहेब, सब जानकर अनजान क्यों है?’

राहुल बोले कि राजनीतिक विषयों पर सभी ट्वीट मेरे होते हैं। राहुल गांधी ने ये शब्द दरअसल ‘गमन’ फिल्म के लिए लिखी गई शहरयार की ग़ज़ल से लिए हैं। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ दिन से वायु प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि वह सभी वर्गों के लिए बड़ी परेशानी बन चुका है।

इससे पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की ओर से 200 से ज्यादा वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती को कांग्रेस की उपलब्धि बताई और कहा था कि उनकी पार्टी एकल जीएसटी दर के लिए संघर्ष जारी रखेगी। वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गुजरात के अपने चुनावी दौरे के दौरान भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा।

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि कांग्रेस और देश के लोगों ने भाजपा सरकार पर दबाव बनाया, जिसके चलते कई वस्तुओं को 28 फीसदी कर के दायरे से निकालकर कर 18 फीसदी कर के दायरे में शामिल किया गया। अगर चौतरफा विरोध न होता, तो यह बदलाव नहीं किया जाता।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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