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जिनकी उंगली ने चलना सिखाया, उसी पिता के अंगूठे को निर्दयी बेटे ने काट डाला

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कहते है ‘इस संसार में हमसें कोई सबसे ज्यादा प्यार करता है। तो वो है हमारे माता-पिता’। जिनका प्यार नि:स्वार्थ होता है। बचपन से ही सही-गलत की परवरिश देने वाले मां-बाप अपने बच्चों की परवरिश में इतना मशगूल हो जाते है कि वे खुद की जिंदगी जीना तो भूल ही जाते है।

लेकिन बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते है। मां-बाप के बलिदानों को अक्सर भुला बैठते है। और जवानी के जोश में ऐसी गलतियां कर बैठते है। जिसकी चाहकर भी कोई माफी संभव नहीं होती।

जी हाँ। भोपाल से सटे गाँव अजरोड़ा से एक ऐसी ही मां-बाप और बच्चों के रिश्ते को तार-तार कर देने वाली खबर सामने आई है। जिसे सुनकर आप भी रो पड़ेगें।

दरअसल, यहां एक बेटे का अपने माता पिता के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। उसने अपने ससुराल पक्ष वालों के साथ पिता की अंगुलियां तोड़कर सीधे हाथ का अंगूठा काट दिया। वहीं विरोध कर रही मां को बिना कपड़ों के घुमाया।

बेटे ने पिता का काट दिया अंगूठा, मां के कपड़े उतार की डंडों से पिटाई

इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पीड़ितों को हॉस्पिटल में एडमिट कराया। मामले में दोनों पक्षो की तरफ से क्रॉस एफआईआर की गई है।

खबरों के मुताबिक़, बुजुर्ग पिता अमरसिंह और मां आयोध्या देवी खेत के पास खुद के रहने के लिए टपरिया बना रहे थे। तभी शाम 5 बजे बड़ा बेटा मुकेश ट्रैक्टर- ट्रोली में अपने पत्नी और ससुराल वालों के साथ आए।

तभी ट्रैक्टर से उतरकर बेटा मुकेश सीधा अपने पिता के पास आया और बोला कि मेरी जमीन का बंटवारा कराओ। इसके बाद उसने मारपीट शुरू कर दी। बेटे ने अपने पिता को धमकाते हुए कहा कि तुमने जिन हाथों से एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया था, मैं तुम्हारे वहीँ हाथ और अंगुलियां ही तोड़ डालूँगा।

इसके बाद सभी एक-एक करके उनसे मारपीट करने लगे। मुकेश ने अपने पिता के दोनों हाथों पर लट्ठ मारे, दाहिने हाथ का अंगूठा भी फरसे से काट दिया। इसके बाद पति के कपड़े फाड़ दिए।

बेटे ने पिता का काट दिया अंगूठा, मां के कपड़े उतार की डंडों से पिटाई

इसके बाद वे उन्हें खेत में घसीटते हुए पेड़ के पास ले आए। जहां उन्होनें पिता के दोनों हाथ पेड़ों से बाँध दिए।

मां ने विरोध किया तो बड़े बेटे ने उन्हें भी थप्पड़ मारा । इसके बाद मुकेश और उसके साले हरिचरण ने अपनी मां के कपड़े उतारकर डंडों से पिटाई की। निर्वस्त्र हालत में मारते हुए वे अपनी मां के खेत के दूसरे कोने पर बने कच्चे मकान में ले गए।

इसके बाद उन्हें कमरे में धकेलकर लॉक कर दिया।

रात साढ़े आठ बजे घर बुजुर्ग मां सीढ़ी लगाकर जैसे तैसे बाहर और ढाई सौ मीटर दूर मेन रो़ड पर पहुंची। इसके बाद वहां से निकल रहे लोगों से डायल 100 पर मामले की सूचना दी। रात नौ बजे पुलिस के साथ घर पहुंची और पेड़ से बंधे पति को छुड़ाया।

 

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प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

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सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

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