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आईपीएल-8 नीलामी में दिल्ली ने युवराज को रिकार्ड 16 करोड़ में ‘खरीदा’

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बंगलुरु। दिल्ली डेयरडेविल्स टीम ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आठवें संस्करण के लिए भारतीय टीम के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह को सबसे महंगे दाम 16 करोड़ रुपए में हासिल किया है। इसके बाद श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज की सबसे महंगी बोली लगी। डेयरडेविल्स ने ही मैथ्यूज को 7.5 करोड़ रुपए में हासिल किया।

सोमवार को हुई नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम को युवराज को हासिल करने के लिए काफी माथापच्ची करनी पड़ी। इसका कारण यह था कि कई टीमों ने युव्वी को अपने साथ जोड़ने की इच्छा जाहिर की। सबसे पहले राजस्थान रॉयल्स ने दो करोड़ रुपये में बोली की शुरुआत की। किंग्स इलेवन ने बोली को तीन करोड़ तक पहुंचाया तो रॉयल्स ने 3.8 करोड़ में युवराज को हासिल करने का मन बना लिया। बोली का खेल यही नहीं रुका क्योंकि अब इसमें डेयरडेविल्स शामिल हो चुके थे और इस टीम ने युवराज के लिए पांच करोड़ की रकम लगाई। आरसीबी ने इसे बढ़ाकर 5.5 करोड़ रुपये कर दिया। डेयरडेविल्स ने आनन-फानन में रकम को आठ करोड़ तक पहुंचा दिया। इसके बाद आरसीबी ने नौ करोड़ की बोली लगाई तो डेयरडेविल्स ने 10 करोड़ की बोली लगाई। फिर आरसीबी ने इसे 10.5 करोड़ कर दिया और फिर उसे बढ़ाकर 11.5 करोड़ कर दिया। रकम बढ़ी तो आरसीबी 12.5 करोड़ तक पहुंच गया। इस पर डेयरडेविल्स ने 13 करोड़ और फिर 13.5 करोड़ की बोली लगाई। फिर बोली 14 और फिर 14.5 करोड़ तक पहुंच गई।

डेयरडेविल्स ने युवी के लिए 15 करोड़ की बोली लगाई तो आरसीबी 15.5 करोड़ तक पहुंच गया। इस पर डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ की बोली लगाई, जो अंतिम साबित हुई।

हैरानी की बात यह है कि आज की तारीख में एकदिवसीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला, श्रीलंका के कुमार संगकारा और श्रीलंका के माहेला जयवर्धने को कोई खरीददार नहीं मिला। इन तीन खिलाड़ियों को नीलामी प्रक्रिया के दूसरे या तीसरे चरण में एक बार फिर शामिल किया जा सकता है।

देखें किसे क्या मिला

मुरली विजय (भारत) : किंग्स इलेवन ने 3 करोड़ रुपये में हासिल किया
एंजेलो मैथ्यूज (श्रीलंका) : डेयरडेविल्स ने 7.5 करोड़ रुपये में हासिल किया
केन विलियमसन (न्यूजीलैंड) : 60 लाख रुपये में सनराइजर्स ने हासिल किया
युवराज सिंह (भारत) : डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ रुपये में हासिल किया
केविन पीटरसन (इंग्लैंड) : सनराइजर्स ने 2 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा
दिनेश कार्तिक (भारत) : आरसीबी 10.5 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा
अमित मिश्रा (भारत) : डेयरडेविल्स ने 3.5 करोड़ रुपये में हासिल किया
एस. बद्रीनाथ (भारत) : आरसीबी ने 30 लाख रुपये में हासिल किया
माइकल हसी (आस्ट्रेलिया) : सीएसके ने 1.5 करोड़ रुपये की बोली लगाई
जेम्स नीशम (न्यूजीलैंड ) :केकेआर ने 50 लाख रुपये में हासिल किया
रवि बोपारा (इंग्लैंड) : सनसाइजर्स ने एक करोड़ रुपये में हासिल किया
ट्रेंट बाउल्ट (न्यूजीलैंड ) : सनराइजर्स ने 3.8 करोड रुपये में अपने साथ जोड़ा
जयदेव उनादकत (भारत) : डेयरडेविल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में हासिल किया
सीन एबॉट (आस्ट्रेलिया) : आरसीबी ने 1 करोड़ रूपये में हासिल किया।
एरान फिंच (आस्ट्रेलिया) : मुम्बई इंडियंस ने 3.2 करोड़ रुपये की बोली लगाई
इयोन मोर्गन (इंग्लैंड) : सनराइजर्स ने 1.5 करोड़ रुपये में खरीदा
डारेन सैमी (वेस्टइंडीज ) : आरसीबी ने 2.8 करोड़ रुपये में खरीदा
प्रवीण कुमार (भारत) : सनराइर्ड्स ने लिया 2.2 करोड़ रुपये में
प्रज्ञान ओझा (भारत) : मुम्बई इंडियंस ने लिया 50 लाख रुपये में
राहुल शर्मा (भारत) : सुपर किंग्स ने लिया 30 लाख रुपये में
ब्रैड हॉग (आस्ट्रेलिया) : नाइट राइडर्स ने लिया 50 लाख रुपये में

जिन्हें नहीं मिला कोई खरीददार

चेतेश्वर पुजारा, मुनाफ पटेल, जहीर खान, इरफान पठान ( भारत), रॉस टेलर (न्यूजीलैड), एलेक्स हेल्स, कैमरून व्हाइट (इंग्लैंड), ल्यूक रोंची (न्यूजीलैंड), दिनेश रामदीन (वेस्टइंडीज), ब्रेंडन टेलर (जिम्बाब्वे), हाशिम अमला (दक्षिण अफ्रीका), कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, कुशल परेरा (श्रीलंका), ब्रैड हॉज (आस्ट्रेलिया)

जिन खिलाड़ियों को अब तक कोई खरीददार नहीं मिल सका है, उन्हें दोबारा नीलामी में शामिल किया जा सकता है।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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