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नेशनल

VIDEO: लाल रंग नहीं, हेमा मालिनी को देख ऐसे बेकाबू होकर दौड़ पड़ा सांड

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नई दिल्ली। बीजेपी सांसद और दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी बुधवार को मथुरा में थी। हेमा मालिनी मथुरा रेलवे स्टेशन से बाहर निकल ही रही थीं कि तभी उनके सामने एक सांड आ गया।

वहां मौजूद लोगों ने बेकाबू सांड को भगाने की कोशिश की तो वह डरकर जिस तरफ से हेमा आ रही थीं, उसी ओर भागने लगा। इससे हेमा मालिनी बुरी तरह घबरा गईं। सांड हेमका मालिनी को नुकसान पहुंचा पाता इसके पहले ही हेमा की सुरक्षा में तैनात कर्मियों न तुरंत उन्हें घेरते हुए सांड से बचा लिया। इस दौरान यह सारी घटना कैमरे में कैद हो गई।

मालूम हो कि हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश के मथुरा से ही सांसद हैं। उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि वह यहां कम ही रहती हैं। शायद इसी शिकायत को दूर करने के लिए हेमा बुधवार को मथुरा पहुंची थीं।

दो साल पहले राजस्थान के दौसा में हेमा मालिनी कार दुर्घटना की शिकार हो गई थीं। हेमा मालिनी की मर्सिडीज और ऑल्टो में टक्कर हो गई थी। इस हादसे में एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि हेमा मालिनी समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे में घायल होने के बाद हेमा मालिनी के नाक के पास प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ी थी।

देखें वीडियो- 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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