नेशनल
‘ब्लू फ्लैग’ में दम दिखाएगी इंडियन एयरफोर्स, इजरायल भी होगा शामिल
इंडियन एयरफोर्स पहली बार इजरायल की वायुसेना के साथ संयुक्त युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेगी। इजरायल में गुरुवार से शुरू हो रहे “ब्लू फ्लैग-17’ में शामिल होने के लिए वायुसेना का 45 सदस्यों का दल मंगलवार को इजरायल के लिए रवाना हुआ। रक्षा मंत्रालय के मंगलवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई।
यह बहुपक्षीय युद्धाभ्यास दो से 16 नवंबर के बीच आयोजित होगा। इसमें इंडियन एयरफोर्स की ओर से सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट, गरुण कमांडो समेत 45 सदस्यीय दस्ता शामिल होगा।
इस युद्धाभ्यास के बेहद कूटनीतिक मायने हैं, क्योंकि इसमें अमेरिका, फ्रांस, पोलैंड, ग्रीस, इटली और जर्मनी जैसे देश भी हिस्सा लेने वाले हैं। इसका उद्देश्य युद्धाभ्यास में भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है।
बता दें कि इजरायल भारत को हथियार बेचने वाले सबसे बड़े सप्लायरों में से एक हैं। जो हर साल भारत के साथ लगभग 1 बिलियन डॉलर की कीमत के हथियार का सौदा करता है।
‘ब्लू फ्लैग-17’ युद्धाभ्यास में पाकिस्तान और चीन भी शामिल होना चाहते थे, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गई। इसकी वजह यह है कि इजरायल में पाकिस्तानियों के घुसने पर बैन है। दूसरा यह कि इस युद्धाभ्यास की मंशा से चीन और पाकिस्तान की मंशा मेल नहीं खाती है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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