लाइफ स्टाइल
इस वजह से होती है कब्ज की बीमारी, अपनाएं ये रामबाण उपाय
कब्ज पाचन तन्त्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें किसी व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है और मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है।
ये है कब्ज होने के लक्षण-
- रोगी को शौच साफ़ नहीं होता है, मल सूखा और कम मात्रा में निकलता है।
- मल कुंथन करने या घण्टों बैठे रहने पर निकलता है।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को रोजाना मलत्याग नहीं होता है। कब्ज रोग से पीड़ित रोगी जब मल का त्याग करता है तो उसे बहुत अधिक परेशानी होती है। - कभी-कभी मल में गांठे बनने लगती है। जब रोगी मलत्याग कर लेता है तो उसे थोड़ा हल्कापन महसूस होता है।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी के पेट में गैस अधिक बनती है। पीड़ित रोगी जब गैस छोड़ता है तो उसमें बहुत तेज बदबू आती है।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी की जीभ सफेद तथा मटमैली हो जाती है। जीभ मलावृत रहती है तथा मुँह का स्वाद ख़राब हो जाता है। - कभी कभी मुँह से दुर्गन्ध आती है।
- रोगी व्यक्ति के आंखों के नीचे कालापन हो जाता है तथा रोगी का जी मिचलता रहता है।
- रोगी की भूख मर जाती है, पेट भारी रहता है एवं मीठा मीठा दर्द बना रहता है, शरीर तथा सिर भारी रहता है।
सिर तथा कमर में दर्द रहता है, शरीर में आलस्य एवं सुस्ती, चिड़चिड़ापन तथा मानसिक तनाव सम्बन्धी लक्षण भी मिलते हैं।
ये है प्रमुख उपाय-
- कब्ज रोग का उपचार करने के लिए कभी भी दस्त लाने वाली औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि कब्ज रोग होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर प्राकृतिक चिकित्सा से इसका उपचार कराना चाहिए।
- कब्ज रोग से बचने के लिए जब व्यक्ति को भूख लगे तभी खाना खाना चाहिए। कब्ज के रोग को ठीक करने के लिए चोकर सहित आटे की रोटी तथा हरी पत्तेदार सब्जियां चबा-चबाकर खानी चाहिए।
- रेशे वाली (उच्च सेलूलोज) जैसे भूसी, फल, शाक इत्यादि का नियमित प्रयोग करें। प्रतिदिन कम से कम आठ दस गिलास पानी पीयें। अधिक से अधिक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए।
- अंकुरित अन्न का अधिक सेवन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। गेहूं का रस अधिक मात्रा में पीने से कब्ज से पीड़ित रोगी का रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
- कब्ज न बनने देने के लिए भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाएं तथा ऐसा भोजन करे, जिसे पचाने में आसानी हो। रोगी व्यक्ति को मैदा, बेसन, तली-भुनी तथा मिर्च मसालेन्दार चीजों आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कोष्ठबद्धता के रोगी को कम चिकनाई वाले आहार जैसे गाय का दूध, पनीर, सूखा फुल्का लेना चाहिए।
- रोगी व्यक्ति को अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए ये फल इस प्रकार है- पपीता, संतरा, मोसम्मी, खजूर, नारियल, अमरूद, अंगूर, सेब, खीरा, गाजर, चुकन्दर, बेल, अखरोट, अंजीर आदि।
- नींबू पानी, नारियल पानी, फल तथा सब्जियों का रस पीने से कब्ज से पीड़ित रोगी को बहुत फ़ायदा मिलता है। कच्चे पालक का रस प्रतिदिन सुबह तथा शाम पीने से कब्ज रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
- नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर रात के समय पीने से शौच साफ़ आती है। भोजन में दाल की अपेक्षा सब्जी, बथुआ, पालक आदि शाक का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। उबली हुई गाजर तथा पके हुए अमरुद का सेवन सवोर्त्तम होता है।
#health #fitness #healthylife #corona #covid19
मुख्य समाचार
गर्मियों में बिना नींबू के बनाएं ये 5 रिफ्रेशिंग ड्रिंक्स, होती हैं बेहद टेस्टी
गर्मियों का मौसम शुरू होते ही शरीर को पानी की अधिक जरूरत महसूस होने लगती है. अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो हमारे शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है. गर्मियों में शरीर के लिए सिर्फ पानी ही पर्याप्त नहीं होता और भी कई विकल्प हैं जो शरीर को डिहाइड्रेड होने से बचाते हैं. इन दिनों नींबू के दाम आसमान छू रहें हैं. ऐसे में सभी के लिए इतना महंगा नींबू खरीदना संभव नहीं है. बिना नींबू के भी कुछ पेय पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें आप गर्मियों में इन्जॉय कर सकते हैं. आइए जानते हैं बिना नींबू के और कौन से शरबत आप बना सकते हैं.
बेल का शरबत
बेल का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले पका बेल का पल्प निकाल लें. अब इसे पानी में अच्छे से तब तक मसलें जब तक पानी और पल्प एक ना हो जाए. अब इसे छन्नी से छान कर शकर, भुना-पिसा जीरा, काला नमक और बर्फ मिला कर सर्व करें.
खीरा और कीवी जूस
खीरा कीवी जूस बनाने के लिए सबसे पहले खीरा, आधा इंच अदरक और कीवी को छील लें. अब इन्हें ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें. इसके बाद इसमें काली मिर्च, बर्फ और पानी मिला कर 1 मिनट तक ब्लेंड करें. खीरा कीवी जूस रेडी है.
आम पना
आम पना बनाने के लिए एक पैन में कच्चे आम लेकर उन्हें नर्म होने तक पकाएं. आम को ठंडा होने पर उसका छिलका अलग करके पल्प निकाल लें. इस पल्प को एक पैन में डालें और इसमें शकर मिलाएं और इसे पूरी घुलने तक चलाते हुए पकाएं. इसके बाद पैन को नीचे उतार कर इसमें जीरा पाउडर, काला नमक, सादा नमक मिलाएं. अब इस पेस्ट को 1 से 2 चम्मच ग्लास में लेकर ऊपर से पानी और बर्फ डालकर अच्छे से मिला लें. पुदीना से गार्निश करके सर्व करें.
तरबूज स्मूदी
तरबूज स्मूदी बनाने के लिए सबसे पहले तरबूज, दही और शहद को मिक्सर में सिर्फ एक मिनट चलाएं. इसके बाद ड्राई फ्रूट और गुलाब जल शरबत डालकर एक बार फिर मिक्सर चलाएं. इसे ग्लास में डालकर ऊपर से पुदीना और तरबूज के टुकड़े से गार्निश करें.
इमली शरबत
इमली का शरबत बनाना बेहद आसान है. सबसे पहले इमली को साफ पानी से धो कर उसके बीज अलग कर दीजिए. अब एक बर्तन में पानी लें इसमें इमली और गुड़ डाल कर 3 घंटे के लिए छोड़ दीजिए. इस मिश्रण को मसल कर ग्राइंड करें. अब इसे छान कर सर्व करें.
-
नेशनल3 days ago
प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं
-
नेशनल1 day ago
लोकसभा चुनाव: पहले चरण में मोदी सरकार के 11 कैबिनेट मंत्रियों की परीक्षा, देखें लिस्ट
-
नेशनल1 day ago
अमरोहा की रैली में बोले पीएम मोदी, ‘मोहम्मद शमी का कमाल पूरी दुनिया ने देखा’
-
नेशनल1 day ago
पीएम मोदी की लोगों से अपील, इस बात मतदान का नया रिकार्ड बनाएं
-
नेशनल1 day ago
संजय सिंह ने उठाया सवाल, कहा- क्या जेल में केजरीवाल को जहर देकर मारने की रची जा रही साजिश
-
उत्तर प्रदेश1 day ago
लोकसभा चुनाव: पहले चरण में यूपी की आठ सीटों पर वोटिंग जारी, कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर
-
अन्तर्राष्ट्रीय1 day ago
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश
-
नेशनल1 day ago
वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी होंगे नए नौसेना चीफ, 30 अप्रैल को संभालेंगे पदभार