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नेशनल

चलती कार पर हुई गोलियों की बौछार, मौके पर महिला की मौत

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नई दिल्ली| राजधानी दिल्ली में बुधवार की सुबह एक 30 वर्षीय महिला की उसके पति और दो वर्ष के बच्चे के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस उपायुक्त मिलिंद महादेव दमबेरे ने बताया कि प्रिया मेहरा नामक महिला अपने पति और बच्चे के साथ कार में यात्रा कर रही थी, जब उत्तर-पश्चिम दिल्ली के शालीमार बाग में तडृके करीब 4.30 बजे उसे गोली मार दी गई।

मृतका के पति ने पुलिस को बताया कि उन्होंने किसी से पैसे उधार लिए थे और आरोप लगाया कि हत्या के पीछे उसी शख्स का हाथ है क्योंकि वह राशि का वापस भुगतान नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने ऊंची ब्याज दर पर पांच लाख रुपये उधार लिए थे और कर्ज 40 लाख रुपये तक बढ़ गया था, इसलिए वह पैसे वापस नहीं कर पा रहे थे।

 पुलिस अधिकारी ने बताया, “मृतका के पति के मुताबिक, एक कार में चार हमलावर सवार थे और महिला को दो बार गोली मारी गई।” दमबेरे ने कहा कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल (बीजेआरएम) भेज दिया गया है। जब महिला की हत्या हुई तब परिवार कश्मीरी गेट से रोहिणी स्थित अपने घर जा रहा था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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