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नेशनल

जनता की नजर में भाजपा अव्वल लेकिन अमित शाह को भारी नुकसान

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नई दिल्ली। गुजरात के विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग चरम पर है। दोनों दल गुजरात का रण जीतने का दावा कर रहे हैं। गुजरात में किसकी बनेगी सरकार इसकों लेकर अभी अटकले लगाई जा रही है। कई सर्वे भी गुजरात विधानसभा को लेकर सामने आ चुके हैं।

कई चैनलों के सर्वे में कांग्रेस और बीजेपी के बीच में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। ओपिनियन पोल के हिसाब से अभी भी कई जगह पर भाजपा का दावा काफी मजबूत लग रहा है। एक चैनेल के अनुसार भाजपा को गुजरात में दो तिहाई बहुमत मिलता दिख रहा है। दूसरी ओर एक सर्वे में अमित शाह को भारी नुकसान होता दिख रहा है।

वहीं सीएम की कुर्सी को लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का दावा सबसे मजबूत लग रहा है। सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहली पसंद बताया है। दूसरे नम्बर पर कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल का दावा मजबूत लग रहा है। हालांकि उन्हें केवल 19 फीसदी वोटों के साथ दूसरे नम्बर पर रखा गया है।

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एक सर्वें में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अमित शाह को जनता ने चौथे नम्बर पर रखा है तो वही कांग्रेस के नेता को दूसरे नम्बर पर रखा है। सीएम की रेस में अमित शाह का नाम भी चल रहा है लेकिन जनता में उन्हें खास लोकप्रियता नहीं मिली है और वह 10 फीसदी वोट के साथ चौथे नम्बर पर है। कुल मिलाकर गुजरात विधान सभा चुनाव को लेकर पूरे देश की नजर है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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