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वक्फ बोर्ड के विलय की खबर से आजम हुए सन्न, बोले-नहीं होने दूंगा शिया और सुन्नी बोर्ड को एक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठा रही है। सूबे की भाजपा सरकार सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए नई पहल करने जा रही है। योगी सरकार से मिली जानकारी के अनुसार सूबे की भाजपा सरकार शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को विलय करने की तैयारी में है। हालांकि इस मामले पर सपा के पूर्व मंत्री आजम खान का बयान भी सामने आया है।

आजम खान ने सूबे की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी का स्तर अब नीचे आता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। सरकार को मालूम ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश में इस तरह कानून 8-10 साल पहले ही आया था, पर उत्तर प्रदेश में इसे लागू नहीं किया गया था। क्योंकि यहां पर छोटे बोर्ड हैं। सपा नेता आजम खान ने साफ किया कि वह दोनों बोर्डों के विलय के खिलाफ है और इसका वह आगे भी विरोध करते रहेंगे।

बता दें कि सरकार चाहती है कि मुस्लिम वक्फ बोर्ड का गठन हो, इसके लिये शासन से प्रस्ताव मांगा गया है। प्रदेश के वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा शिया वक्फ बोर्ड में चल रही गड़बड़ी को लेकर कई कदम उठाने पहले ही संकेत दे चुके हैं। मोहसिन रजा के अनुसार उनके विभाग के पास पत्रों के माध्यम से ऐसे अनेक सुझाव आये हैं कि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड का परस्पर विलय कर दिया जाए। ऐसा करना कानूनन सही भी होगा। मोहसिन रजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार को छोडक़र बाकी 28 राज्यों में एक-एक वक्फ बोर्ड है।

दरअसल वक्फ एक्ट-1995 के अनुसार अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड गठित करने के लिये कुल वक्फ इकाइयों में किसी एक तबके की कम से कम 15 प्रतिशत हिस्सेदारी होना अनिवार्य है। यानी अगर वक्फ की कुल 100 इकाइयां हैं तो उनमें शिया वक्फ की कम से कम 15 इकाइयां होनी चाहिये उत्तर प्रदेश इस वक्त इस नियम पर खरा नहीं उतर रहा है।
दूसरी ओर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि फिलहाल तो शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों का गठन अप्रैल 2015 में हो चुका है। उनका कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। वक्फ कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि चलते हुए बोर्ड को भंग कर दिया जाए।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में शिया तथा सुन्नी वक्फ बोर्ड में लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। दोनों में यानी शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के कई गम्भीर आरोप लग चुके हैं। सरकार भी शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को भ्रष्टाचार से निजात दिलाने के लिए पूरी कोशिश में लगी हुई। इतना ही नहीं गत मार्च में आई जांच रिपोर्ट में तमाम शिकायतों को सही पाया गया था।

इसके बाद सरकार इस मुद्दे पर कड़े कदम उठाने की बात कह चुकी है। अब देखना रोचक दोनों बोर्ड को मिलाने की पहल क्या रंग लाती है। कुल मिलाकर इस पूरे प्रकरण में विवाद होना तय माना जा रहा है। अब देखना होगा कि योगी सरकार इस मामले को कैसे हैंडल करती है।

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प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

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सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

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