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नेशनल

जगमगाई अयोध्या, सीएम का ऐलान- जल्द पूरा होगा ‘राम राज्य’ का सपना

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फैजाबाद-अयोध्या। अयोध्या में बुधवार को छोटी दिवाली जोर-शोर से मनाई गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ, राज्यपाल राम नाईक, दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित तमाम मंत्रियों की मौजूदगी में सरयू तट 1.71 लाख दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि जिसके पास अपना घर हो, घर में रोशनी हो, हर हाथ को काम हो, यही राम राज्य है और राम राज्य का यह सपना उत्तर प्रदेश में 2019 तक पूरा हो जाएगा।

इस दीपोत्सव से पहले योगी व राज्यपाल ने 133 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास कर अयोध्या को विकास का तोहफा दिया और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र सौंपे। योगी ने श्रीराम कथा पार्क में श्रीराम का राज्याभिषेक किया।

कार्यक्रम के दौरान हेलीकॉप्टर के माध्यम से भगवान श्रीराम पर पुष्प वर्षा की गई। वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। इसके बाद राज्यपाल नाईक व योगी ने दीप प्रज्जवलित कर दीपावली के पर्व दीपोत्सव की शुरुआत की और अयोध्या 1.17 लाख दीपों से जगमगा उठी।

इस पहले समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “थाईलैंड और इंडोनेशिया में श्रीराम का बहुत महत्व है। वहां की हर सडक़ का नाम भगवान राम के नाम पर है। सबसे बड़े मुश्लिम देश इंडोनेशिया के लोग मानते हैं कि उनका धर्म इस्लाम जरूर है, लेकिन उनके पूर्वज भगवान राम हैं। आज यहां इंडोनेशिया के कलाकार रामलीला करने आए हैं।”

उन्होंने कहा, “आज राज्य सरकार में किसी के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। रामराज्य की यही खासियत है, रामराज्य में सभी को समान अवसर थे। किसी भी वर्ग के साथ कोई भेदभाव नहीं था।”

दीपोत्सव की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “दीपोत्सव में आज हम सब एकत्रित हुए हैं। अयोध्या रामराज्य की परिकल्पना को साकार करती है। अयोध्या नगरी में कार्यक्रम को सब लोगों ने मूर्त रूप दिया। देश-दुनिया में उप्र पर्यटन का हब बने, उसकी शुरुआत अयोध्या से होने जा रही है।”

योगी ने कहा, “जिस गरीब के घर में आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से बिजली आई है, उसके लिए वही रामराज्य है। अब अयोध्या की बिजली सुधरी है, हम अयोध्या को 24 घंटे बिजली देने को तैयार हैं। अयोध्या को उसकी पहचान और सम्मान मिले, इसके लिए अयोध्या को उप्र सरकार ने नगर निगम का दर्जा दिया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “अयोध्या की जितनी आबादी है, आज उतने दीप जले। अयोध्या मानवता की धरती है। मानवता का पथ दुनिया को अयोध्या ने पढ़ाया है और वह भी राम राज्य के माध्यम से। अयोध्या लगातार प्रहार झेलती रही, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।” प्रदेश सरकार की योजनाएं गिनाते हुए उन्होंने कहा, “हमने छह महीने में 86 लाख किसानों का कर्जा माफ किया है।”

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, “हम सब चाहते हैं कि आसुरी प्रवृत्तियों का नाश हो, उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार, व्याभिचार से मुक्त हो।” उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा, “भले ही हम अभी भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं कर सकते, लेकिन अयोध्या का विकास करने से कोई रोक नहीं सकता।” केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार अयोध्या के विकास के लिए कृत संकल्पित है। दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन उप्र पर्यटन विभाग द्वारा किया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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